किसान गोष्ठीयाँ

  1. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में स्थित एकीकृत मौसमआधारित कृषि सलाहकार समिति की टीम ने दिल्ली के गाँव निजामपुर में 30दिसम्बर 2010 को किसान गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी की अध्यक्षता डा.रवीन्द्रसिंह, अध्यक्ष, कृषि भौतिकी ने की। किसान गोष्ठी में वैज्ञानिकोंने फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिये मौसम आधारित प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा की तथा विभिन्न फसलों केकीटों व बीमारियों के बारे में उन्हें सूचित किया। फसल में अवस्था के आधार पर उपयुक्त समय परउचित प्रबंधन के इस्तेमाल पर भी जानकारी दी गई ।इस अवसर पर एक वर्षा मापक यंत्र श्री विजयपाल चोधरी किसान, निजामपुर को निशुल्क भेंट किया गया तथा इसकी संचालन विधि व फायदे के बारे में विस्तृत रूप से किसानों को जानकारी दी गयी। किसानों को सहीमौसम की जानकारी के बारे में तथा मौसम आधारित कृषिकलाप करने से होने वाले फायदों के बारे में भी अवगत कराया गया। वैज्ञानिकों ने गाजर तथा प्याज के खेतों का निरीक्षण किया तथा इनमें आने वाले बीमारीयों तथा कीटों के बारे में किसानों को जानकारी दी । यह चर्चा किसानों के साथ-साथ वैज्ञानिकों के लिये भी काफी उपयोगी रही।

 

                                        

  किसान गोष्ठी सुदाना गाँव , हापुड                                   निज़ाम पुर गाँव , दिल्ली                                     

 

किसान गोष्ठी कुम्भवास गाँव, गुडगाँव              

        किसान से विचार विमर्श करते हुए वैज्ञानिक,  सुदाना गाँव , हापुड    

 

खेत में किसान से विचार विमर्श करते हुए वैज्ञानिक,  निजामपुर गाँव, दिल्ली

 
 
  1. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में स्थित एकीकृत मौसम आधारित कृषि सलाहकार समिति की टीम ने दिल्ली के नजदीकी गाँव श्यामपुर जिला गाजियाबाद (उ. प्र.) में 12 अगस्त 2010 को किसान गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी की अध्यक्षता डा.रवीन्द्र सिंह, अध्यक्ष, कृषि भौतिकी संभाग ने की। गोष्ठी में डा.सुभाष चंद (प्रधान वैज्ञानिक, कीट विज्ञान), डा. यू. डी. सिंह (प्रधान वैज्ञानिक, पादप रोग), डा. जे.पी.एस.डबास (वरिष्ठ वैज्ञानिक, केटेट), डॉ. बी.एस.तोमर (वरिष्ठ वैज्ञानिक, बीज उत्पादन यूनिट), डा.दिनेश कुमार (वरिष्ठ वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान्) डा.पी.सिन्हा (वरिष्ठ वैज्ञानिक, पादप रोग) और डॉ. अनन्ता वशिष्ठ (वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी) मोजुद थे। किसान गोष्ठी में वैज्ञानिकों ने फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिये मौसम आधारित प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। हरी खाद के इस्तेमाल,गोबर की खाद,बायोगेस तथा संतुलित उर्वरक के महत्व पर जोर दिया गया। वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा की तथा विभिन्न फसलों के कीटों के बारे में उन्हें सूचित किया। फसल में अवस्था के आधार पर उपयुक्त समय पर उचित कीट प्रबंधन के इस्तेमाल पर भी जानकारी दी गई तथा गुलाब में पत्ती धब्बा रोग के बचाव हेतु रिडोमील @ 1 ग्रा. प्रति ली. पानी की दर से छिड़काव की सलाह दी।साथ ही किसान भाईयों को इस मौसम में अपने खेतों की नियमित निगरानी करने को कहा क्योंकि अधिक आद्रतां तथा तापमान फसलों में कीटों और बीमारियों को बढावा देते है, फसलों में यदि सफ़ेद मक्खी या चूसक कीटों का प्रकोप दिखाई दें तो इमिडाक्लोप्रिड दवाई 1.0 मि. ली. / 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़¬काव करने की सलाह दी,धान की फसल में पत्त्ता मरोंड या तना छेदक कीट का प्रकोप दिखाई दे तो करटाप दवाई 4% दानें 10 किलोग्राम/एकड़ का बुरकाव करने का सुझाव दिया। इस अवसर पर एक वर्षा मापक यंत्र डा.रवीन्द्र सिंह, अध्यक्ष, कृषि भौतिकी संभाग  द्वारा श्री लल्लु सिंह किसान को निशुल्क भेंट किया तथा इसकी संचालन विधि व फायदे के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। किसानों को सही मौसम की जानकारी के बारे में तथा मौसम आधारित कृषि कलाप करने से होने वाले फायदों के बारे में भी अवगत कराया गया। यह चर्चा किसानों के साथ-साथ वैज्ञानिकों के लिये भी काफी उपयोगी रही।

 

             किसानों की समस्याओं पर चर्चा करते वैज्ञानिक                                          टमाटर की नर्सरी का अवलोकन करते वैज्ञानिक

      दिल्ली के नजदीकी गाँव श्यामपुर जिला गाजियाबाद                                        वर्षा मापक यंत्र व इसकी संचालन विधि व फायदे के बारे
      (उ. प्र.) में 12 अगस्त 2010 को किसान गोष्ठी                                                      में विस्तृत रूप से जानकारी देते वैज्ञानिक

 

किसान गोष्ठी -  26 दिसम्बर, 2009

 

दिल्ली के नजदीकी गाँव श्यामपुर जिला गाजियाबाद वर्षा मापक यंत्र व इसकी संचालन विधि व फायदे के बारे (उ. प्र.) में 12 अगस्त 2010 को किसान गोष्ठी में विस्तृत रूप से जानकारी देते वैज्ञानिक

  1. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में स्थित एकीकृत मौसम आधारित कृषि सलाहकार इकाई में पिछ्ले 26 दिसम्बर, 2009 को असम से आये 13 किसानों ने फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिये मौसम आधारित प्रबंधन के बारे में जानकारी ली। गोष्ठी में डॉ. श्रीमती अनन्ता वशिष्ठ, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी ने मौसम के आधार पर फसलों में हर ऋतुओं में उपयुक्त सिंचाई की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दी। फसल में उचित कीट प्रबंधन के इस्तेमाल पर भी जानकारी दी गई। किसानों ने वेब के द्वारा अगले पाचँ दिनों के मौसम पूर्वानुमान के बारे में तथा अधिक वर्षा से फसलों को बचाव के तरीके के बारे में भी जानकारियां प्राप्त की। यह चर्चा किसानों के लिये काफी उपयोगी रही।

  2. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में स्थित एकीकृत मौसम आधारित कृषि सलाहकार समिति की टीम ने दिल्ली के नजदीकी गाँव निजामपपुर में 1 दिसम्बर, 2009 को किसान गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी की अध्यक्षता डा.रवीन्द्र सिंह, अध्यक्ष, कृषि भौतिकी ने की। गोष्ठी में डा.सुभाष चंदर (प्रधान वैज्ञानिक, कीट विज्ञान), डा. यू. डी. सिंह (प्रधान वैज्ञानिक, पादप रोग), डा. जे.पी.एस.डाबास (वरिष्ठ वैज्ञानिक, केटेट), डॉ. बी.एस.तोमर (वरिष्ठ वैज्ञानिक, बीज उत्पादन यूनिट), डा.दिनेश कुमार (वरिष्ठ वैज्ञानिक, सस्य विज्ञान्) और डॉ. अनन्ता वशिष्ठ (वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी) मोजुद थे। मृदा लवणता और सिंचाई के लिये खराब पानी, गांव की प्रमुख समस्या थी। रबी फसल में गाजर (पूसा रूदिमा) प्रमुख फसल थी। गेहुँ में गहरी बुवाई के कारण अंकुरण की समस्या पायी गयी । विशेषज्ञों ने मृदा परीक्षण के उपरांत मिट्टी लवणीय होने पर नमक सहनशील किस्मों की बुवाई की सलाह दी। वैज्ञानिकों ने फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिये मौसम आधारित प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। हरी खाद के इस्तेमाल,गोबर की खाद तथा फसल चक्र की महत्वता पर जोर दिया गया। गोष्ठी में विशेषज्ञों ने मौसम के आधार पर फसलों में हर ऋतुओं में उपयुक्त सिंचाई की भी जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओं पर चर्चा की तथाविभिन्न फसलों के कीड़े के बारे में उन्हें सूचित किया। फसल में अवस्था के आधार पर उपयुक्त समय पर उचित कीट प्रबंधन के इस्तेमाल पर भी जानकारी दी गई। यह चर्चा किसानों के साथ-साथ वैज्ञानिकों के लिये भी काफी उपयोगी रही।