स्नातकोत्तर विद्यालय का शैक्षणिक वर्ष एक वर्ष में तीन ट्राइमेस्टरों में आयोजित किया जाता है और प्रत्येक ट्राइमेस्टर लगभग 12 सप्ताह की अवधि का होता है। शिक्षा सत्र प्रत्येक वर्ष सामान्यत: अगस्त में आरंभ होता है।
किसी विशेष शैक्षणिक वर्ष में प्रत्येक ट्राइमेस्टर की ठीक-ठीक तिथियों के संबंध में विद्वत परिषद् द्वारा समय-समय पर निर्णय लिया जाता है। तीन ट्राइमेस्टरों की मोटे तौर पर समय-सूची निम्नानुसार रहती है :
प्रथम ट्राइमेस्टर : अगस्त से नवम्बर
द्वितीय ट्राइमेस्टर : दिसम्बर से अप्रैल
तृतीय ट्राइमेस्टर : मई से जुलाई
प्रत्येक वर्ष अप्रैल और मई में लगभग एक महीने के ग्रीष्मावकाश का प्रावधान है जिसके लिए तिथियों का निर्धारण विद्वत परिषद् द्वारा किया जाता है। ग्रीष्मावकाश के अतिरिक्त लगभग तीन सप्ताह के शरद् अवकाश का प्रावधान है तथा दो शैक्षणिक वर्षों के बीच लगभग एक सप्ताह का अन्तराल रखा जाता है जिसकी तिथियों का निर्धारण विद्वत परिषद् द्वारा किया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में शिक्षण दिवसों की संख्या 220 तक रखी जाती है और इसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एक वर्ष में कम से कम 180 शिक्षण दिवसों के अनुदेश का पालन किया जाता है। यह संस्थान निम्न विषयों में एम.एससी. और पीएच.डी. की उपाधियां प्रदान करता है।
- कृषि रसायन
- कृषि अर्थशास्त्र
- कृषि अभियांत्रिकी
- कृषि प्रसार
- कृषि भौतिकी
- कृषि सांख्यिकी
- कृषि जैवरसायन विज्ञान
- कम्प्यूटर अनुप्रयोग (केवल एम.एससी.)
- कीटविज्ञान
- पर्यावरण विज्ञान
- आनुवंशिकी
- बागवानी
- सूक्ष्मजीव विज्ञान
- आण्विक जीवविज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी
- सूत्रकृमि विज्ञान
- पादप आनुवंशिक संसाधन
- पादप रोगविज्ञान
- पादप शरीरक्रिया विज्ञान
- कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी
- बीजविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- मृदाविज्ञान एवं कृषि रसायन विज्ञान
- जलविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी