पीएच.डी. पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सूचना बुलेटिन

 छात्रों को प्रवेश देने की क्रियाविधि 

 वर्तमान में संस्थान पांच अलग-अलग धाराओं में छात्रों को निम्नानुसार स्नानतकोत्तोर विद्यालय में प्रवेश प्रदान करता है :

  • खुली प्रतियोगिता    
  • संकाय उन्नययन योजना   
  • विभागीय धारा (वैज्ञानिक एवं तकनीकी)
  • भा.कृ.अ. परिषद् सेवारत् नामिती
  • विदेशी छात्र

    प्रत्येक धारा से आने वाले प्रत्याशियों की विशिष्ट  आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए प्रवेश संबंधी नीतियां एवं क्रियाविधियां विद्वत परिषद् द्वारा निर्धारित की जाती हैं। इन नीतियों एवं क्रिया‍विधियों का वि‍वरण निम्नानुसार है :

 प्रवेश की प्रणाली

  1. एम.एससी. उपाधि के पाठ्यक्रमों के लिए : संस्‍थान में एम.एससी. उपाधि के पाठ्यक्रमों में प्रवेश  के लिए प्रवेश परीक्षा भा.कृ.अ. परिषद् के शिक्षा प्रभाग द्वारा ली जाती है और उसमें श्रेष्‍ठता के आधार पर 23 विषयों में एम.एससी. उपाधि के पाठ्यक्रमों हेतु छात्रों को संस्‍थान में प्रवेश दिया जाता है।
  2. पीएच.डी. उपाधि के पाठ्यक्रमों के लिए : 22 विषयों में पीएच.डी. पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेशउनके लिखित प्रवेश परीक्षा में किए गए निष्‍पादन (70 प्रतिशत वैटेज) + शैक्षणिक स्‍कोर (20 प्रतिशत वैटेज) + साक्षात्‍कार (10 प्रतिशत वैटेज) के आधार पर दिया जाता है।

      प्रवेश परीक्षा में एक प्रश्‍नपत्र के तीन भाग होते हैं : भाग-1 (सामान्‍य कृषि) तथा भाग-2 व 3 (विषय का प्रश्‍नपत्र) तथा शैक्षणिक स्‍कोर की गणना प्रत्‍याशी द्वारा मैट्रिक (दसवीं कक्षा) तथा उसके बाद की विभिन्‍न परीक्षाओं में प्राप्‍त अंकों के प्रतिशत के आधार पर की जाती है।

पीएच.डी. प्रवेश के लिए विज्ञापन

      प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करने हेतु प्रत्‍येक वर्ष मार्च के पहले/दूसरे सप्‍ताह में समाचार पत्रों तथा सं्‍थान की वेबसाइट (http:/ /www.iari.res.in) में विज्ञापन दिए जाते हैं। आवेदन प्राप्‍त करने की अंतिम तिथि प्रत्‍येक वर्ष सामान्‍यत: अप्रैल का अन्तिम सप्‍ताह होती है अथवा यह तिथि कोई अन्‍य भी हो सकती है जो समय-समय पर निर्धारित की जा सकती है।

 

      विश्‍वविद्यालयों (मानद विश्‍वविद्यालयों का दर्जा प्राप्‍त संस्‍थानों सहित), केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकार के विभागों/अंडरटैकिंगों, विधायी संगठनों तथा अन्‍य सार्वजनिक संस्‍थाओं के कर्मचारियों के आवेदन अंक तालिका प्राप्‍त होने के लिए निर्धारित की गई अन्तिम तिथि तक स्‍वीकार किए जाते हैं (पैरा 6.9.7 के अनुसार) बशर्ते कि आवेदन सभी दृष्टि से पूर्ण हों और आवेदक ने उसे अपने नियोक्‍ता को आवेदन प्राप्‍त होने की अन्तिम तिथि के पूर्व प्रस्‍तुत कर दिया हो और कथित नियोक्‍ता ने अधिकारिक तौर पर वह आवेदन अग्रेषित कर दिया हो।

टिप्‍पणी :

  1. अण्‍डमान और निकोबार द्वीप समूहों व लक्षद्वीप, उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र में राज्‍य/संघ शासित प्रदेशों, जम्‍मू व कश्‍मीर राज्‍य के लद्दाख प्रभाग, सिक्किम, चम्‍बा के पांगी उप प्रभाग, हिमाचल प्रदेश के लाहोल व स्‍पीती जिलों से आवेदन प्राप्‍त करने की अन्तिम तिथि देश के अन्‍य सभी भागों से आवेदन प्राप्‍त करने की तिथि के 15 दिन बाद की होती है।
  2. ऐसे आवेदनों/अंक तालिकाओं की प्राप्ति की अन्तिम तिथि के तत्‍काल बाद के कार्यदिवस पर स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय के कार्यालय में सुबह की पहली डाक से प्राप्‍त हुए आवेदन/अंक तालिकाएं ही ग्रेस देने के मामले में निर्धारित अन्तिम तिथि में छूट देने के लिए मान्‍य समझी जाएंगी।
स्‍थानों की संख्‍या

एम.एससी. और पीएच.डी., दोनों के लिए विभिन्‍न विषयों/विशेषज्ञताओं में प्रवेश हेतु एक शैक्षणिक वर्ष के लिए निर्धारित स्‍थानों की संख्‍या का निर्णय प्रत्‍येक वर्ष विद्वत परिषद् द्वारा लिया जाता है। इन स्‍थानों की संख्‍या संबंधित वर्ष के सूचना बुलेटिन में प्रकाशित की जाती है।

 

अनुसूचित जातियों/आदिम जातियों, शारीरिक रूप से विकलांग प्रत्‍याशियों के लिए आरक्षण

 कुल उपलब्‍ध स्‍थानों में से 15 प्रतिशत अनुसूचित जातियों के लिए तथा 7.5 प्रतिशत अनुसूचित आदिम जातियों के लिए आरक्षित हैं, बशर्ते कि वे प्रत्‍याशी इन स्‍थानों के लिए अन्‍यथा उपयुक्‍त हों। स्‍थानों के आबंटन को अन्तिम रूप देते समय अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित आदिम जातियों के लिए आरक्षित स्‍थानों की पहचान की जाएगी तथा उन्‍हें विषयवार और उप-विषयवार निर्धारित किया जाएगा तथा इसे सूचना बुलेटिन में अधिसूचित किया जाएगा। अनुसूचित जातियों के लिए निर्धारित स्‍‍थान प्रत्‍येक वर्ष विद्वत परिषद् द्वारा निर्णय लिए गए वितरण के आधार पर भरे जाएंगे। तथापि यदि स्‍थानों की उल्लिखित संख्‍या को भरने के लिए किसी विषय में अनुसूचित जाति के उपयुक्‍त पात्र प्रत्‍याशी उपलब्‍ध न होने पर इस प्रकार न भरे गए स्‍थानों को उन अन्‍य विषयों के लिए स्‍थानान्‍तरित कर दिया जाएगा‍ जिनमें अनुसूचित जाति के उपयुक्‍त पात्र प्रत्‍याशी होंगे। इसी प्रकार की सामान्‍य प्रक्रिया अनुसूचित आदिम जातियों के आरक्षण के मामले में भी अपनाई जाएगी। इन दो क्रियाविधियों के बाद भी यदि कोई स्‍थान अनुसूचित जातियों और अनुसूचित आदिम जातियों की श्रेणी में खाली बचता है/बचते हैं, तो ऐसे गैर-भरे अनुसूचित जातियों/अनुसूचित आदिम जातियों के लिए आरक्षित स्‍थानों को उपलब्‍ध पात्र प्रत्‍याशियों द्वारा संबंध श्रेणी में भरने के लिए हस्‍तांतरित कर दिया जाएगा। किसी भी स्थिति में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित आदिम जातियों के लिए आरक्षित स्‍थान एम.एससी. से पीएच.डी. कार्यक्रम में या इसके उलट हस्‍तांतरित नहीं होंगे। जो अनुसूचित जातियों/आदिम जातियों के प्रत्‍याशी प्रतिभा व श्रेष्‍ठता के आधार पर चुने जाते हैं उनकी गणना आरक्षित कोटा में नहीं की जाएगी तथा दोनों श्रेणियों के प्रत्‍याशियों के प्रवेश के लिए कोई सर्वोच्‍च सीमा नहीं होगी।

 

      यदि अनुसूचित जातियों/आदिम जातियों के प्रत्‍याशियों को लिखित परीक्षा व साक्षात्‍कार के लिए बुलाया जाता है और वे उसमें उपस्थित होते हैं तो किसी विशेष वर्ष के सूचना बुलेटिन के अनुसार दोनों श्रेणियों के लिए आरक्षित स्‍थान खाली रखे जाएंगे और अनारक्षित भी किए जाएंगे, भले ही उस शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश के लिए किसी भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित आदिम जाति के प्रत्‍याशी ने अर्हकता प्राप्‍त न की हो।

 

      भारतीय नागरिकों के लिए सामान्‍य (खुली प्रतियोगिता), विभागीय, संकाय उन्‍नयन योजना तथा भा.कृ.अ. परिषद् सेवारत् नामिती योजना के अन्‍तर्गत प्रवेश के लिए प्रत्‍येक स्‍कीम में स्‍थानों की कुल संख्‍या का 3 प्रतिशत शारीरिक रूप से विकलांग प्रत्‍याशियों के लिए आरक्षित होगा, बशर्ते कि वे श्रेणियों के संदर्भ में श्रेष्‍ठता के आधार पर अन्‍यथा उपयुक्‍त हों। यदि शारीरिक रूप से विकलांग प्रत्‍याशी उपलब्‍ध नहीं होते हैं तो रिक्‍त बचे स्‍थानों को सामान्‍य श्रेणी के प्रत्‍याशियों से भरा जाएगा। शारीरिक रूप से विकलांग प्रत्‍याशियों के लिए आरक्षण की सीमा प्रवेश के वर्ष में भारत सरकार के द्वारा निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार रखी जाएगी।

 

एम.एसएसी./पीएच.डी. पाठ्यक्रमों के लिए मान्‍यता
(एम.एससी. पाठ्यक्रमों के लिए : भा.कृ.अ.परिषद् के द्वारा निर्धारित क्रियाविधि के अनुसार)

 

केवल वही प्रत्‍याशी प्रवेश के पात्र होंगे जो 10+2+4 या 10+2+3 या 10+1+4 प्रणाली (या 1985 से पहले 10+2+2 प्रणाली के अन्‍तर्गत बी.एससी. की उपाधि प्राप्‍त) के अन्‍तर्गत स्‍नातक की उपाधि रखते हों और सूचना बुलेटिन में निर्धारित अर्हकताएं पूरी करते हों, प्रवेश के लिए आवेदन के पात्र होते हैं।

 

      स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय में प्रवेश से संबंधित पात्रता संबंधी अपेक्षाएं तथा अन्‍य संबद्ध मामलों पर समय-समय पर विद्वत परिषद् द्वारा निर्णय लिया जाता है। पात्रता संबंधी अपेक्षाएं परिवर्तनशील हैं। सामान्‍यत: ये अपेक्षाएं प्रत्‍येक शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश परीक्षा लेने के पूर्व विद्वत परिषद् द्वारा तय कर ली जाती हैं तथा प्रवेश नीति को अन्तिम रूप दे दिया जाता है। प्रत्‍येक शैक्षणिक सत्र के लिए आवेदन आमंत्रित करते समय सूचना बुलेटिन में इनका विवरण दिया जाता है।

 
  • एम.एससी. उपाधि पाठ्यक्रम के संबद्ध पाठ्यक्रम व विषय में प्रवेश पाने के लिए प्रत्‍याशी को उन अर्हकताओं को पूरा करना चाहिए जो नीचे प्रत्‍येक विषय के सामने दर्शाई गई हैं :
 

एम.एससी. उपाधि के पाठ्क्रम में प्रवेश के लिए अर्हकताएं

विषय                                                                                                   अर्हकताएं

कृषि रसायन                                            बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
कृषि अर्थशास्‍त्र                                          कृषि/ डेरी विज्ञान/ पशु चिकित्‍सा विज्ञान/ पशुपालन/मात्स्यिकी में बी.एससी.
कृषि अभियांत्रिकी                                       कृषि अभियांत्रिकी में बी.एससी./बी.टैक/बी.ई.
कृषि प्रसार                                               कृषि/ डेरी विज्ञान/ पशु चिकित्‍सा विज्ञान/ पशुपालन/\मात्स्यिकी में बी.एससी.
कृषि भौतिकी                                            बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
कृषि सांख्यिकी                                          बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
सस्‍यविज्ञान                                             कृषि में बी.एससी.
जैव रसायनविज्ञान                                      बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
कम्‍प्‍यूटर अनुप्रयोग                                     बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
कीटविज्ञान                                              बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
पर्यावरण विज्ञान                                       बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
आनुवंशिकी                                             बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
बागवानी                                                 कृषि/बागवानी में बी.एससी.
सूक्ष्‍मजीव विज्ञान                                       बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
आण्विक जीवविज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी              बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
सूत्रकृमि विज्ञान                                         बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
पादप आनुवंशिक संसाधन                              बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
पादप रोगविज्ञान                                         बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
पादप शरीरक्रिया विज्ञान                                बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी                                 कृषि/बागवानी/खाद्य विज्ञान/खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
                                                             में बी.एससी./बी.टैक/कृषि अभियांत्रिकी में बी.ई./खाद्य अभियांत्रिकी/
                                                             जैव रसायनविज्ञान अभियांत्रिकी/रसायनिक अभियांत्रिकी में बी.ई.
बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी                               बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विज्ञान                  बी.एससी. या कृषि/बागवानी/वानिकी में बी.एससी.
जल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी                               कृषि/बागवानी/कृषि अभियांत्रिकी में बी.एससी./बी.टैक/बी.ई./ बी.एससी.(आनर्स)

पीएच.डी. पाठ्यक्रमों के लिए

प्रत्‍याशियों के एम.एससी. पाठ्यक्रमों में कम से कम 60 प्रतिशत अंक या 10.00 में से 7.5 सकल ग्रेड प्‍वांइट औसत या 5.00 में से 3.75 या 4.00 में से 3.00 या 3.00 में से 2.25 (अनुसूचित जाति/अनुसूचित आदिम जाति/शारीरिक रूप से विकलांग प्रत्‍याशियों के लिए: 55 प्रतिशत अंक या 10.00 में से 6.88 या 5.00 में से 3.44 या 4.00 में से 2.75 या 3.00 में से 2.06 सकल ग्रेड प्‍वांइट औसत) होने चाहिए।

पीएच.डी. उपाधि कार्यक्रम के संबद्ध पाठ्क्रम और जिस विषय में प्रवेश मांगा गया है उससे संबंधित अर्हकताओं में से किसी एक को प्रत्‍याशी द्वारा पूरा किया जाना चाहिए।

पीएच.डी. उपाधि के पाठ्क्रम में प्रवेश के लिए अर्हकताएं

विषय                 अर्हकताएं (एम.एससी./एम.एससी. (कृषि)/एम.टैक/एम.ई. में)

कृषि रसायन              कृषि रसायन/मृदाविज्ञान और/अथवा कृषि रसायन विज्ञान/पर्यावरण विज्ञान/रसायन विज्ञान की कोई भी शाखा
कृषि अर्थशास्‍त्र            कृषि अर्थशास्‍त्र/डेरी अर्थशास्‍त्र/पशुधन अर्थशास्‍त्र
कृषि अभियांत्रिकी        कृषि अभियांत्रिकी/डेरी अभियांत्रिकी/जल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
कृषि प्रसार                 कृषि प्रसार/प्रसार शिक्षा/डेरी प्रसार/मात्स्यिकी प्रसार
कृषि भौतिकी              कृषि भौतिकी/मृदाविज्ञान और/अथवा कृषि रसायन विज्ञान/कृषि मौसम विज्ञान/मौसम
                               विज्ञान/भौतिक विज्ञान/जैव-भौतिक विज्ञान/जल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
कृषि सांख्यिकी           कृषि सांख्यिकी/गणितीय सांख्यिकी/आईवीआरआई का जैव सांख्यिकी/आईएएसआरआई
                              से व्‍यावसायिक सांख्यिकीविद् प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
सस्‍यविज्ञान               सस्‍यविज्ञान/जल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
जैव रसायन विज्ञान       कृषि जैव रसायनविज्ञान/जैव रसायनविज्ञान/कृषि रसायनविज्ञान/आण्विक जीवविज्ञान
                                 और/अथवा जीवविज्ञान/जीवनविज्ञान/ कार्बनिक रसायनविज्ञान में विशेषज्ञता सहित रसायनविज्ञान
कीटविज्ञान               कीटविज्ञान/कृषि कीटविज्ञान/कीटविज्ञान के विशेष विषय सहित  प्राणिविज्ञान
                             पर्यावरण विज्ञान पर्यावरण विज्ञान/भौतिक विज्ञान/जैविक विज्ञान/रसायनविज्ञान
आनुवंशिकी               आनुवंशिकी और/अथवा पादप प्रजनन/पादप आनुवंशिक संसाधन/ आनुवंशिकी सहित जीवविज्ञान की कोई भी शाखा और/अथवा पादप प्रजनन के विशेष विषय सहित जैवविज्ञान
बागवानी                 बागवानी/पोमोलॉजी मुख्‍य विषय सहित कृषि/ओलेरीकल्‍चर या पुष्‍पविज्ञान                             या कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी/खाद्य विज्ञान और/अथवा     खाद्य प्रौद्योगिकी /                            आनुवंशिकी और/अथवा पादप प्रजनन/पादप शरीरक्रिया विज्ञान/फसल                          शरीरक्रिया विज्ञान/पादप आनुवंशिक संसाधन/जल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
सूक्ष्‍मजीवविज्ञान           सूक्ष्‍मजीवविज्ञान/कृषि सूक्ष्‍मजीवविज्ञान/मृदाविज्ञान और/अथवा कृषि                            रसायनविज्ञान/आनुवंशिकी/वनस्‍पति विज्ञान/कृषि वनस्‍पति विज्ञान/आण्वि‍क                     जीवविज्ञान और/अथवा जैव प्रौद्योगिकी/सूक्ष्‍मजीव विज्ञान विशेष विषय                          सहित जैव रसायनविज्ञान
आण्विक जीव विज्ञान       आण्विक जीवविज्ञान और/अथवा जैव प्रौद्योगिकी/जैव रसायन विज्ञान/
एवं जैव प्रौद्योगिकी         कृषि जैवरसायन विज्ञान/वनस्‍पति विज्ञान/कृषि वनस्‍पति विज्ञान/                                    आनुवंशिकी और/अथवा पादप प्रजनन/जीवन विज्ञान/कृषि सूक्ष्‍म जीव                          विज्ञान/पादप आनुवंशिक संसाधन/पादप शरीरक्रिया विज्ञान     
सूत्रकृमि विज्ञान           सूत्रकृमि विज्ञान/कीटविज्ञान/प्राणिविज्ञान/वनस्‍पति विज्ञान/कवक विज्ञान                              और/अथवा पादप रोगविज्ञान/जीवनविज्ञान/आण्विक जीवविज्ञान और/अथवा                     जैव प्रौद्योगिकी
पादप आनुवंशिक संसा      धन   पादप आनुवंशिक संसा      धन/पादप प्रजनन/कृषि वनस्‍पति विज्ञान/ बागवानी/                            पादप जैव प्रौद्योगिकी/बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी/पादप शरीरक्रिया विज्ञान/                       इन विषयों में विशेषज्ञता सहित जीवनविज्ञान की कोई भी अन्‍य शाखा                           और/अथवा पादप वर्गीकरण विज्ञान/आर्थिक वनस्‍पति विज्ञान
पादपरोग विज्ञान           कवक विज्ञान और/अथवा पादपरोग विज्ञान/वनस्‍पति विज्ञान/कृषि वनस्‍पति                     विज्ञान/आण्विक जीवविज्ञान और/अथवा जैव प्रौद्योगिकी/ आनुवंशिकी/                          सूक्ष्‍मजीव विज्ञान/बीजविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी/जैव रसायनविज्ञान/पादप                          आनुवंशिक संसाधन
पादपशरीरक्रिया विज्ञान     पादपशरीरक्रिया विज्ञान/फसल शरीरक्रिया विज्ञान/वनस्‍पति विज्ञान/कृषि                               वनस्‍पति विज्ञान/जैव रसायनविज्ञान/जीवनविज्ञान/आण्विक जीवविज्ञान                         और/अथवा जैव प्रौद्योगिकी/पादप आनुवंशिक     संसाधन
कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी     क) बागवानी फसलों के लिए कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी हेतु :
                        बागवानी/कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी/खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
                        ख) कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी के लिए : कृषि प्रसंस्‍करण                               एवं संरचनाएं/खाद्य अभियांत्रिकी/कटाई उपरांत अभियांत्रिकी/जैव रसायन                               विज्ञानी अभियांत्रिकी
बीजविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी   बीजविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी/आनुवंशिकी और/अथवा पादप प्रजनन/पादप                          शरीरक्रिया विज्ञान/फसल शरीरक्रिया विज्ञान/कवक विज्ञान/ और/अथवा                               पादप रोगविज्ञान/कीटविज्ञान/सूत्रकृमि विज्ञान/वनस्‍पति विज्ञान/कृषि                           वनस्‍पति विज्ञान/पादप आनुवंशिक संसाधन
कृषि विज्ञान एवं कृषि      मृदा विज्ञान और/अथवा कृषि रसायन विज्ञान/रसायन विज्ञान
रसायन विज्ञान     

जल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी  जल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी/कृषि भौतिकी/भौतिकी/रसायनविज्ञान/गणित (स्‍नातक उपाधि के स्‍तर पर भौतिक विज्ञान सहित)/कृषि अभियांत्रिकी/  सिविल अभियांत्रिकी में एम.टैक