संस्‍थान के स्‍नातकोत्‍तर छात्रों को वित्‍तीय सहायता के रूप में छात्रवृत्तियां/अध्‍येतावृत्तियां दी जाती हैं। यथासंभव ऐसे छात्रों को सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है जिनका श्रेष्‍ठ शैक्षणिक रिकार्ड है और जो उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करने में गंभीर प्रयास करते हैं।  भा.कृ.अ.सं. की छात्रवृत्ति प्राप्‍त करने वाले किसी भी छात्र को डीन की पूर्व अनुमति के बिना कोई अन्‍य छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति/पुरस्‍कार या रोजगार स्‍वीकार करने हेतु आवेदन करने का अधिकार नहीं है।

 

विभिन्‍न छात्रवृत्तियों/अध्‍येतावृत्तियों का विवरण इस प्रकार है :

 

भा.कृ.अ.सं. छात्रवृत्तियां
      भारतीय कृषि अनुसंधान संस्‍थान (जिसे बाद में संस्‍थान कहा जाएगा) निम्‍न शर्तों पर सामान्‍य खुली प्रतियोगिता योजना के अन्‍तर्गत प्रवेश पाने वाले एम.एससी. और पीएच.डी. छात्रों को कनिष्‍ठ और वरिष्‍ठ छात्रवृत्तियां प्रदान करता है :

ये वृत्तियां संस्‍थान के डीन एवं संयुक्‍त निदेशक (शिक्षा) द्वारा 'छात्रवृत्ति वित्‍तीय सहायता एवं शैक्षणिक प्रगति पर गठित स्‍थायी समिति' के परामर्श से दी जाएंगी जो प्रत्‍येक आवेदक की श्रेष्‍ठता व पात्रता पर विचार करेगी। यह श्रेष्‍ठता या पात्रता आरंभ में उसके प्रवेश पर आधारित होगी और बाद में स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय में उसके निष्‍पादन पर निर्भर करेगी।

अवधि
      एम.एससी. पाठ्यक्रम के लिए कनिष्‍ठ छात्रवृत्तियों की सामान्‍य अवधि दो वर्ष तथा पीएच.डी. पाठ्यक्रम के लिए वरिष्‍ठ छात्रवृत्ति की अवधि सामान्‍यत: तीन वर्ष होगी। तथापि प्रगति के मूल्‍यांकन और तार्किक विवरण के आधार पर जो छात्रवृत्ति की अवधि के विस्‍तार के लिए वांछित होगा, छात्र का अध्‍यक्ष और संभाग का प्राध्‍यापक कनिष्‍ठ/वरिष्‍ठ छात्रवृत्तियों की अवधि अपवाद मामलों में बढ़ा सकता है जो क्रमश: तीन माह/छ: माह से अधिक नहीं होगी।

      अनुसूचित जाति/आदिम जाति/शारीरिक रूप से विकलांग छात्रों के मामले में छात्रवृत्ति की अवधि क्रमश: 6 माह/1 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है।

  1. जिन छात्रों ने भा.कृ.अ.सं. में अपने अध्‍ययन के प्रथम वर्ष में कृषि पर परिचयात्‍मक पाठ्यक्रमों का अध्‍ययन किया है उन्‍हें उपरोक्‍त वर्णित प्रावधानों के अतिरिक्‍त एक वर्ष की अवधि के लिए संस्‍थान की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
  2. छात्रवृत्तियां सामान्‍यत: स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय में प्रवेश लेने की तिथि या शैक्षणिक वर्ष के आरंभ होने की तिथि, इनमें से जो भी बाद में आए, से आरंभ में एक वर्ष की अवधि के लिए दी जाएगी। इसे एम.एससी. के मामले में एक और वर्ष तथा पीएच.डी. छात्रों के मामले में दो और वर्ष बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते कि स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय में जारी रखने के लिए छात्र सकल ग्रेड प्‍वांइट औसत अर्जित करता रहे।
  3. इन सीमाओं के बाद भी विस्‍तार के लिए आवेदनों की जांच श्रेष्‍ठता के आधार पर डीन द्वारा की जाएगी। विस्‍तार की अवधि सहित छात्रवृत्तियां प्रदान करने की कुल अवधि एम.एससी. छात्रों के मामले में तीन वर्ष और तीन माह से अधिक नहीं होगी तथा पीएच.डी. छात्रों के मामले में चार वर्ष और छ: माह से अधिक नहीं होगी।
  4. छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति की अदायगी की समीक्षा तीसरे ट्राइमेस्‍टर के अन्‍त में की जानी चाहिए और उन्‍हीं छात्रों की छात्रवृत्ति जारी रहने की अनुमति दी जानी चाहिए जो तीसरे ट्राइमेस्‍टर के अन्‍त में 10.00 में से 6.50 सकल ग्रेड प्‍वाइंट औसत बनाए रखते हैं। सभी एम.एससी./पीएच.डी. छात्रों को स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय रोल पर बने रहने के लिए तीसरे ट्राइमेस्‍टर के अन्‍त में 10.00 में से 6.00 सकल ग्रेड प्‍वाइंट औसत बनाए रखना होगा।
  5. छात्रवृत्ति स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय में बने रहने की अवधि के दौरान ही दी जाएगी (इस अवधि में ग्रीष्‍मावकाश, ट्राइमेस्‍टर के बीच के अन्‍तराल की अवधि तथा नियमों के अन्‍तर्गत स्‍वीकृत की   जाने वाली छुट्टियां सम्मिलित हैं)। यह अवधि अन्तिम मौखिक परीक्षा की तिथि (अर्थात् जब‍ तक छात्र रोल पर रहता है, तब तक) जारी रहेगी, बशर्ते कि छात्रवृत्ति की सर्वोच्‍च अवधि किसी भी मामले में बढ़ाई न गई हो और बशर्ते कि वह स्‍नातकोत्‍तर छात्रावास में रह रहा/रह रही हो और अपनी उपस्थिति अपने संबंधित संभाग में दर्ज कर रहा हो/कर रही हो।

छात्रवृत्ति की राशि
      एम.एससी. व पीएच.डी. छात्रवृत्ति की राशि क्रमश: 7560 रूपये और 10,500 रूपये है। यह छात्रवृत्ति उन मामलों में विस्‍तार की अवधि में भी जारी रहेगी जिन मामलों में क्रमश: 2/3 वर्षों के बाद भी विस्‍तार स्‍वीकृत किया गया है। छात्रवृत्ति में शिक्षण संस्‍थान के सभी शुल्‍क व अन्‍य प्रभार सम्मिलित होंगे। कनिष्‍ठ/वरिष्‍ठ छात्रवृत्ति की मासिक राशि के अतिरिक्‍त एम.एससी. छात्रों को प्रति शैक्षणिक वर्ष 6000 रूपये की तथा पीएच.डी. छात्रों को प्रति शैक्षणिक वर्ष 10,000 रूपये की राशि प्रायोगिक सामग्री, पुस्‍तकों, प्रबंध शोध तथा अध्‍यक्ष/संबद्ध प्राध्‍यापक की अनुशंसाओं पर अध्‍ययन हेतु किए गए अध्‍ययन दौरों की लागत के लिए प्रदान की जाएगी।

सेवारत् प्रत्‍याशियों/विभागीय छात्रों के लिए छात्रवृत्तियां
      भा.कृ.अ. परिषद् के नियमों के अनुसार अध्‍ययन छुट्टी/प्रतिनियुक्ति पर एम.एससी. पीएच.डी. पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले प्रत्‍याशियों को, जिन्‍हें अध्‍ययन भत्‍ता/ठहराव भत्‍ता/प्रतिनियुक्ति भत्‍ता आदि उनके पूर्ण छुट्टी वेतन के साथ दिया जाता है, को छात्रवृत्ति दी जाएगी लेकिन उनकी छात्रवृत्ति की राशि इस प्रकार समायोजित की जाएगी कि वे पूर्ण छुट्टी वेतन के अतिरिक्‍त केवल 3000 रूपये प्रति माह का सर्वाधिक लाभ प्राप्‍त करें। यह आकस्मिक अनुदान की अदायगी के अतिरिक्‍त होगा। जो सेवारत् प्रत्‍याशी जेआरएफ/एसआरएफ नहीं पा रहे हैं और आंशिक वेतन (अर्ध अथवा बिना वेतन के छुट्टी) पा रहे हैं वे भी प्रति माह 3000 रूपये की संस्‍थान छात्रवृत्ति प्राप्‍त करने के पात्र होंगे बशर्ते कि वे भा.कृ.अ. परिषद्/राज्‍य कृषि विश्‍वविद्यालय प्रणाली द्वारा रोजगार पर रखे गए हों, या भा.कृ.अ. परिषद् द्वारा नामित किए गए हों या किसी विश्‍वविद्यालय द्वारा प्रवेश के लिए चुने गए हों और जो अपने कार्यस्‍थल के अतिरिक्‍त किसी अन्‍य स्‍थान पर स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय में प्रवेश लेने के विकल्‍प को चुने और साथ ही उनकी तीसरी उपाधि उसी संस्‍थान से न हो।

  1. ये छात्रवृत्तियां भारत के संविधान में परिभाषित भारतीय राष्‍ट्रीयता वाले छात्रों या भारत में डोमीसाइल हुए व्‍यक्तियों को देय होंगी, भले ही वो किसी भी लिंग, जाति या धर्म का क्‍यों   न हो।
  2. छात्रवृत्ति प्राप्‍तकर्ता डीन के प्रशासनिक नियंत्रण में होगा। वह संबंधित विषय के संकाय में मान्‍यता प्राप्‍त मार्गदर्शक के अन्‍तर्गत कार्य करेगा/करेगी।
  3. प्रत्‍येक अध्‍येता स्‍वीकृति हेतु डीन, स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय को :
    • स्‍नातकोत्‍तर कार्य की योजना और
    • निर्धारित प्रोफार्में में अपने अनुसंधान कार्य की रूपरेखा प्रस्‍तुत करेगा जो परामर्शदायी समिति, संबंधित विषय के प्राध्‍यापक और अध्‍यक्ष द्वारा अनुशंसित होंगे।
  4. ये छात्रवृत्तियां उस तिथि से प्रभावी होंगी, जिस तिथि को अध्‍येता भा.कृ.अ.सं. में अध्‍ययन के लिए पाठ्यक्रम को ग्रहण करता है।
  5. अध्‍येता अपना पूर्ण समय स्‍वीकृत अध्‍ययन में लगाएगा/लगाएगी और किसी प्रकार का अन्‍य भुगतान वाला कार्य अथवा अन्‍य कुछ स्‍वीकार नहीं करेगा/करेगी।
  6. यदि संस्‍थान द्वारा कोई भी आवासीय सुविधा प्रदान की जाती है तो अध्‍येता द्वारा संस्‍थान के नियमों के अनुसार लाइसेंस शुल्‍क अदा किया जाएगा।
  7. संस्‍थान अध्‍येता को भविष्‍य निधि के लाभ नहीं उपलब्‍ध कराएगा।

छात्रवृत्ति की अदायगी

 

1.     छात्रवृत्ति की अदायगी स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय द्वारा परिचालित निर्धारित प्रोफार्में में छात्रों द्वारा      प्रस्‍तुत किए गए निम्‍न प्रमाण पत्रों की प्राप्ति पर की जाएगी :

 

      छात्र के मार्गदर्शक द्वारा सौंपे गए अध्‍ययन और अनुसंधान कार्य को पूरा करने के संबंध में    छात्र द्वारा दिया गया लिखित वचन;
      इस आशय का प्रमाण पत्र कि वह कोई अन्‍य छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति नहीं ले रहा/रही है।

 

2.    किसी भी अध्‍येता को भा.कृ.अ.सं. की छात्रवृत्ति की अवधि के दौरान कोई अन्‍य   छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति ग्रहण करने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई प्रत्‍याशी कोई अन्‍य      छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति ले रहा है तो उसे भा.कृ.अ.सं. की छात्रवृत्ति स्‍वीकार करने के पूर्व अपनी        पहली छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति त्‍यागनी होगी।

 

      उन छात्रों के आवेदन बाहरी छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति की स्‍वीकृति हेतु अग्रेषित किए जा सकते हैं जिन्‍होंने एक वर्ष से अधिक समय का अध्‍ययन इस संस्‍थान में पूर्ण नहीं किया है।

 

      जो छात्र भा.कृ.अ.सं. की छात्रवृत्तियों की सर्वोच्‍च अवधि की तुलना में कम अवधि के लिए उपलब्‍ध बाहरी छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति स्‍वीकार करते हैं उन्‍हें बाहरी छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति के जारी रखने में होने वाली अवधि की कमी के दौरान भा.कृ.अ.सं. की छात्रवृत्ति स्‍वीकृत की जा सकती है।

 

छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति का विस्‍तार
      छात्रवृत्ति की अवधि में विस्‍तार का आवेदन निर्धारित प्रोफार्में में (अनुबंध-17) अध्‍यक्ष/प्राध्‍यापक के माध्‍यम से डीन/स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय को अग्रेषित की जानी चाहिए। डीन, स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय विस्‍तार को स्‍वीकृत करने के मामले में अन्तिम प्राधिकारी हैं।

 

छात्रवृत्ति की समाप्ति
      निम्‍न स्थितियों में छात्रवृत्ति समाप्‍त हो जाएगी :

  1. उस तिथि को जब अध्‍येता स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय के रोल पर नहीं रह जाता है।
  2. उस तिथि को जब अध्‍येता अपना वह अध्‍ययन पूरा कर लेता/लेती है जिसमें शोध प्रबंध प्रस्‍तुत करना, मौखिक परीक्षा और लिखित परीक्षा की तिथियां भी सम्मिलित हैं।
  3. वह तिथि जब छात्रवृत्ति की स्‍वीकृति समाप्‍त हो जाती है, इसमें से जो भी पहले हो।
  4. किसी भी समय यदि डीन, स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय ने यह पाया हो कि छात्र अपने कार्य के प्रति लापरवाह है या अवांछनीय आचार का दोषी है। इस समाप्ति के लिए नोटिस दिया भी जा सकता है और नहीं भी दिया जा सकता।   

      यदि अध्‍येता अपनी स्‍वीकृ‍त छात्रवृत्ति की अवधि की समाप्ति के पूर्व अपना अध्‍ययन पूरा कर लेता/लेती है तो उसका मार्गदर्शक तत्‍काल इस संबंध में डीन, स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय को सूचित करेगा।

 

      कोई भी अध्‍येता डीन, स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय की पूर्व अनुमति के बिना अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने के पूर्व नहीं छोड़ेगा।
     
      किसी भी अध्‍येता को डीन की अनुमति के बिना छात्रवृत्ति जारी रहने की अवधि के दौरान कोई भी पद/अन्‍य छात्रवृत्ति/अध्‍येतावृत्ति/पुरस्‍कार या सम्‍मान स्‍वीकार करने के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि वह इनमें से किसी के लिए चुन लिया जाता/जाती है तो उसे अपना अध्‍ययन पूरा करने के बाद ही कार्यमुक्‍त किया जाएगा। इसके लिए उसे निर्धारित प्रोफार्में में एक वचन भी देना होगा (अनुबंध-18)।

 

शोध प्रबंध
      अध्‍येता अन्तिम मौखिक परीक्षा समाप्‍त होने के तत्‍काल बाद अपने शोध प्रबंध की एक प्रति डीन को सौंपेगा ताकि वह भा.कृ.अ.सं. पुस्‍तकालय में भेजी जाए। अध्‍येता को अन्तिम पूर्ण मास की छात्रवृत्ति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि वह अपने प्राध्‍यापक से इस आशय का प्रमाण पत्र नहीं प्रस्‍तुत कर देता कि उसके शोध प्रबंध की एक प्रति डीन, स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय को प्रस्‍तुत किए जाने के लिए प्राप्‍त हो गई है।

 

      भा.कृ.अ.सं. से प्राप्‍त होने वाली वित्‍तीय सहायता का आभार ज्ञापन छात्र द्वारा प्रस्‍तुत किए गए शोध प्रबंध में उपयुक्‍त रूप से किया जाना चाहिए।

 

कैरियर
      अध्‍येता डीन, स्‍नातकोत्‍तर विद्यालय को उस पद का विवरण भेजेगा/भेजेगी जो उसने अपनी अध्‍येतावृत्ति की समाप्ति के बाद ग्रहण किया है।

 

भा.कृ.अ. परिषद् अध्‍येतावृत्ति
      भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की पीएच.डी. छात्रों के लिए अध्‍ययन के प्रथम दो वर्षों के दौरान प्रति माह 12,000 रूपये की और तीसरे वर्ष व उसके बाद की अवधि के लिए 14,000 रूपये की वरिष्‍ठ अनुसंधान अध्‍येतावृत्ति प्रदान करने व इसके साथ-साथ प्रति वर्ष 10,000 रूपये के आकस्मिक अनुदान को प्रदान करने की योजना है। इसके साथ ही एम.एससी. के छात्रों को प्रति माह 8640 रूपये की कनिष्‍ठ अनुसंधान अध्‍येतावृत्ति और उसके साथ-साथ प्रति वर्ष 6000 रूपये के आकस्मिक अनुदान को प्रदान करने की योजना है। इस योजना की शर्तें व विस्‍तृत विवरण उप-महानिदेशक (शिक्षा), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्‍ली के पास उपलब्‍ध है।