उद्देश्य
वेतन, छात्रवृत्ति आदि की अदायगी में विलंब होने पर यदि आवश्यकता हो तो व्यक्तिगत छात्रों को ऋण प्रदान करना
डीन तथा कल्याण निधि के अध्यक्ष द्वारा गुण दोष के आधार पर स्वीकृत किये जाने पर साइकिल/पुस्तकें खरीदने अथवा किसी अन्य विशेष उद्देश्य के लिए ऋण प्रदान करना
अध्ययन दौरे पर रेल का किराया देने के लिए ऋण प्रदान करना
जब किसी छात्र को अचानक घर जाना पड़े तो उस छात्र को आपातस्थितियों में ऋण प्रदान करना
प्रशासनिक निकाय द्वारा वांछित किसी भी अन्य छात्र क्रियाकलाप के लिए ऋण प्रदान करना
दुर्घटना, अचानक बीमार पड़ने पर छात्र को धन संबंधी सहायता प्रदान करना ताकि वह सरकारी अस्पतालों में उपचार करा सकें या छात्र द्वारा सरकारी अस्पतालों में कराए गए इलाज पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति करना
प्रशासनिक निकाय
इस निधि का नियंत्रण एक समिति द्वारा किया जाता है जिसे यहां छात्र कल्याण समिति कहा जाएगा और इसका गठन निम्नानुसार होगा :
डीन, स्नातकोत्तर विद्यालय - अध्यक्ष
रजिस्ट्रार, स्नातकोत्तर विद्यालय - सचिव और कोषाध्यक्ष
प्रभारी अधिकारी, एआईएम कोष्ठ, स्नातकोत्तर विद्यालय
रिहायशी हॉलों का मास्टर, स्नातकोत्तर विद्यालय
अध्यक्ष, स्नातकोत्तर विद्यालय छात्र संघ
वित्तीय सचिव, स्नातकोत्तर विद्यालय छात्र संघ
सहायक प्रशासनिक अधिकारी, स्नातकोत्तर विद्यालय-2- कोषाध्यक्ष
स्रोत
प्रत्येक छात्र प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष आरंभ होने पर इस निधि के लिए कुल 200 रूपये अदा करता है।
अन्य स्रोतों से भी मिलने वाला दान या योगदान छात्र कल्याण समिति को स्वीकार्य है।
निधि का परिचालन
(क) ऋण की स्वीकृति
1. ऋण लेने के एक शिक्षार्थ को निर्धारित फार्म में रिहायशी हॉलों के मास्टर के माध्यम से रजिस्ट्रार को अपना आवेदन प्रस्तुत करना होता है।
2. सामान्यत: उद्देश्य 1 (i से v) को पूरा करने के लिए दिए जाने वाले ऋण की राशि किसी भी एक छात्र के मामले में 25000 रूपये से अधिक नहीं होगी। तथापि उद्देश्य 1 (vi) के लिए सहायता/प्रतिपूर्ति की सर्वाधिक राशि का निर्धारण और उसकी स्वीकृति छात्र कल्याण समिति के अध्यक्ष द्वारा निधियों की उपलब्धता तथा मामले के गुण-दोष के आधार पर की जाती है।
3. सामान्यत: एक ट्राइमेस्टर के दौरान एक छात्र के केवल एक ऋण आवेदन पर ही विचार किया जाता है और यह आवेदन करने से पहले छात्र को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि उसने पिछली बकाया राशि अदा कर दी हो।
4. छात्र कल्याण समिति की बैठक व्यय की औपचारिक स्वीकृति पर विचार करने हेतु प्रत्येक ट्राइमेस्टर के आरंभ में होती है। इसमें पिछले ट्राइमेस्टर में छात्रों को दिए गए ऋण की स्थिति पर भी विचार किया जाता है।
5. ऋण की स्वीकृति के संबंध में छात्र को सूचित किया जाता है जो उचित पावती देते हुए कोषाध्यक्ष, स्नातकोत्तर विद्यालय से धन-राशि प्राप्त करता है।
(ख) जमा और आहरण
निधि के लिए प्राप्त सभी योगदान या चन्दे किसी राष्ट्रीय बैंक के बचत बैंक खाते में जमा किए जाते हैं।
धन संबंधी सभी लेन-देन कोषाध्यक्ष, छात्र कल्याण समिति द्वारा किए जाते हैं, बैंक खाता अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष, दोनों के द्वारा परिचालित किया जाता है।
(ग) ऋण की अदायगी
छात्रों को उपरोक्त मद संख्या 1 (i से v) के अनुसार दिए गए ऋण को ऋण प्राप्त होने की तिथि के तीन माह के अन्दर वापस करना होता है। हर हालत में छात्र को ऋण प्राप्त होने की तिथि के 6 माह के अन्दर यह ऋण वापस करना ही होता है। तथापि यह ऋण शोध प्रबंध प्रस्तुत करने के एक माह पूर्व तक अवश्य लौटा दिया जाना चाहिए।
प्रदान किए गए ऋण पर कोई ब्याज नहीं लिया जाता है।
व्याख्यात्मक टिप्पणी
निधि का अध्यक्ष अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए छात्रों को ऋण स्वीकृत करना जारी रख सकता है, बशर्ते कि ऐसा करते समय नियमों में निर्धारित अन्य प्रतिबंधों तथा सर्वाधिक स्वीकृत की जाने वाली राशि की सीमा का पालन किया जाए। ऐसा मैस की बकाया राशि अदा करने तथा छुट्टियां आरंभ होने/छुट्टियों के दौरान गृह नगर की यात्रा करने में होने वाले व्यय की पूर्ति के लिए किया जा सकता है।
सामान्य अनुदेश
छात्र कल्याण निधि द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का दुरुपयोग करने पर संबंधित छात्र को अनुशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ता है।
उपरोक्त नियमों में यदि कोई मद रह गई हो तो उसके संबंध में निर्णय छात्र कल्याण समिति द्वारा किया जाता है और समिति का यह निर्णय अन्तिम होता है जिसे सभी संबद्ध पक्षों को मानना होता है।