परियोजना का शीर्षक | समन्वयक/प्रधान अन्वेषक | स्थान/संभाग | अवधि | निधि दाता एजेन्सी |
जीर्णन : अजैविक प्रतिबलों, सिंक शक्ति तथा उनकी अन्तरक्रिया के संदर्भ में यांत्रिकी | डॉ. श्रीमती रेणु खन्ना चोपड़ा | जल प्रौद्योगिकी केन्द्र | 1995-2010 | भा.कृ.अ.प. |
खाद्य जिन्सों से नाशकजीवनाशी अपशिष्टों का विसंदूषण | डॉ. मधुबन गोपाल | कृषि रसायन | 1999-2009 | भा.कृ.अ.प. |
ट्रैक्टर पर लगाए जाने योग्य 8 कतार वाले पूसा बीज एवं उर्वरक रोपाई यंत्र जिसमें तवादार कूण बनाने की युक्ति जुड़ी हो, के प्रोटोटाइप का विनिर्माण | डॉ. बी.के. दत्त | क्षेत्रीय केन्द्र, करनाल | 2003-2013 | भा.कृ.अ.प. |
सस्यविज्ञानी दृष्टि से महत्वपूर्ण गुणों के लिए भारतीय मक्का की भू-प्रजातियों का आण्विक गुण निर्धारण | डॉ. बी.एम. प्रसन्ना | आनुवंशिकी | 2005-2010 | भा.कृ.अ.प. |
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मृदा/जल संरक्षण और कृषि के टिकाऊपन के लिए घटिया गुणवत्ता वाली सिंचाई जलों के प्रबंधन हेतु क्षेत्रीय पौधों का विकास | डॉ. श्रीमती रविन्द्र कौर | पर्यावरण विज्ञान | 2005-2010 | भा.कृ.अ.प. |
बढ़ी हुई जैव-दक्षता और उसकी पहचान के लिए आण्विक मार्करों के विकास हेतु कवकीय पादप रोगजनकों के सशक्त एंटागोनिस्ट चिटोमियम ग्लोबोसम के प्रभेद का सुधार | डॉ. रश्मि अग्रवाल | पादप रोगविज्ञान | 2005-2010 | भा.कृ.अ.प. |
संरक्षित कृषि में पर्यावरण मित्र खरपतवार प्रबंध : सेसबेनिया प्रजाति पर आधारित नवीन जैव शाकनाशी का विकास | डॉ. अनुपमा | कृषि रसायन | 2008-2010 | भा.कृ.अ.प. |
फलों, सब्जियों और पुष्पों के लिए ताप पंप शुष्कक की डिजाइन व उसका विकास | डॉ. अभिजीत कर | कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी | 2007-2010 | भा.कृ.अ.प. |
नींबू वर्गीय फसलों में परासरणी प्रतिबलों के प्रबंधन हेतु माइकोराइज़ा को सहायता करने वाले जीवाणुओं से या उनके बिना माइकोराइज़ा कवक का उपयोग | डॉ. वी.बी. पटेल | फल एवं औद्यानिक प्रौद्योगिकी | 2009-2012 | भा.कृ.अ.प. |