बागवानी फसलों को परंपरागत खाद्यान्न फसलों से व्यवहारिक विविधीकरण के लिए एक व्यावहारिक युक्ति माना जाता है क्योंकि खाद्यान्न फसलों के स्थान पर बागवानी फसलें उगाने से प्रति इकाई अधिक लाभ प्राप्त होता है। भंडारित/परिरक्षित सामग्री में सूक्ष्मजैविक, एंजाइमी और ऑक्सीकारक विकृति को नियंत्रित करने के लिए बागवानी फसलों और अनाजों के भंडारण के लिए कम लागत वाली देशी विधियां विकसित की गईं हैं। इन विधियों से बागवानी उत्पादों व खाद्यान्नों को बिना किसी अधिक विकृति के लंबे समय तक सुरक्षित रूप में भंडारित किया जा सकता है।