दृष्टिकोण (विजन)

नीतिगत शोध और मानव संसाधन विकास के माध्यम से ज्ञान-गहन कृषि को सक्षम करना।

अनुसंधान का अवसर

संभाग का अनुसंधान एजेंडा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित है। इसने सफलतापूर्वक साक्ष्य-आधारित और नीति-प्रासंगिक ज्ञान उत्पन्न किया है। वर्तमान में, प्रमुख अनुसंधान प्राथमिकता क्षेत्र इस प्रकार हैं :-

कृषि के लिए ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी

यह कार्यक्रम कृषि अनुसंधान के लक्ष्यीकरण और प्रभावशीलता में सुधार लाने के उद्देश्य से अनुसंधान प्रभाव मूल्यांकन और दूरदर्शिता विश्लेषण पर केंद्रित है। अनुसंधान और विकास निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति, बौद्धिक संपदा अधिकार आदि के मुद्दों को भी उच्च प्राथमिकता दी गयी है। यह कार्यक्रम बाजारों, व्यापार, प्रौद्योगिकी और संबंधित क्षेत्रों में नवीनतम घटनाओं के बारे में जानकारी के संकलन द्वारा भी समर्थित है।

कृषि उत्पादन, प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण

इस कार्यक्रम का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में कृषि उत्पादन, प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण से संबंधित अनुसंधान मुद्दों का अध्यायन करना है। विशिष्ट अनुसंधान क्षेत्र आदान (इनपुट) उपयोग दक्षता, प्राकृतिक संसाधनों की स्थिरता, विशेष रूप से भूमि और पानी, कमोडिटी मॉडलिंग और जलवायु परिवर्तन के लिए अनुकूलन हैं।

नीति, निवेश और समावेशी कृषि संवृद्धि

सार्वजनिक नीति, निवेश और प्रौद्योगिकी कृषि विकास के मुख्यसंचालक हैं। हालांकि, उनके संबंध और प्रभाव तेजी से बदल रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत अनुसंधान कार्य समावेशी विकास के संदर्भ में उनकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के तरीकों और साधनों का विश्लेषण करता है। उदारीकरण के संदर्भ में सार्वजनिक निवेश, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और व्यावसायिक निवेश की दक्षता अन्य महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्र हैं।

कृषि बाजार एवं मूल्य श्रृंखला

किसानों को गुणवत्ताख निवेश और लाभप्रद मूल्य देने के लिए कृषि बाजारों का विकास और प्रभावी कार्यप्रणाली अनिवार्य है। इस कार्यक्रम के माध्यकम से निवेश तथा उत्पााद बाजारों में सुधार, व्याोपार की दिशा एवं प्रगति व कल्याीण पर इसका प्रभाव, क्षेत्रीय व्याऔपार अनुबंधो का प्रभाव, मूल्ये श्रृंखला का विकास और भावी कृषि जिंस बाजार पर अनुसंधान सहयोग किया जाता है।

स्थानीय शासन और कृषि सेवाओं का वितरण

कृषि विकास में राज्यन एवं समाज की भूमिका तेजी से बदल रही हैं। हितधारकों की भागीदारी, ग्राम स्तेरीय संस्थाकनों की बढती भूमिका, उन्न त प्रौद्योगिकी की सुपुर्दगी में व्य वसाय क्षेत्र की भागीदारी तथा किसानों को सेवाएं पर विशेष बल दिया जा रहा है। इस प्राथमिकता के तहत इन विषयों का विश्लेीषण किया जाता है। कृषि कार्यक्रमों को लक्ष्यद बनाकर और संसाधनों के टिकाउ उपयोग को बढावा देने के लिए किसानों तक सेवाओं की आपूर्ति करने के लिए स्था।नीय संगठनों की दक्षता को सुधारने हेतु क्रियाविधियों तथा नवोन्मेनष तलाशने के प्रयास किए जाते हैं।

अजीविका सुरक्षा, गरीबीएवं लैंगिक संबंधित मुद्दे

समावेशी प्रगति, मुख्यक विकास का उददेश्यि है।इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए समाज के वंचित क्षेत्रों और वर्गों के साथ कृषि विकास आवश्यक है। इस कार्यक्रम के तहत अनुसंधान कार्यों में ग्रामीण गरीबों हेतु आजीविका विकल्पोंर, गैर कृषि ग्रामीण रोजगार, गरीबी उन्मूनलन कार्यक्रमों तथा ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीधकरण को बढावा देने के लिए विकल्पक तलाशे जाते हैं।

सेवाएं

  • विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को कृषि विकास और नीति के विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श और सलाहकार सेवाएं प्रदान करना।

  • वैज्ञानिकों और छात्रों को उनके अनुसंधान कार्य हेतु और किसानों तथा विकास संगठनों को मूल्यर वर्धित सूचना के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना