फल और बागवानी संभागडॉ. एस. के. सिंह
अध्यक्ष (कार्यकारी)
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फैक्स : 011-25843214
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फल एवं औधौनिकी प्रौधौगिकी संभाग का सृजन 1970 में उद्यानिकी संभाग से अलग करके किया गया था जिसका गठन 1956 में हुआ था। अभी तक संभाग शोध एवं स्नातकोत्तर शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। संभाग की प्रमुख गतिविधियाँ विभिन्न फलों की फसलों के उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता को बढावा देना है। पिछले तीन दशकों से संभाग ने शोध के द्वारा उद्यानिकी के उत्थान में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा फल उद्योग को बहुत सारी समस्याओं से प्रयोगात्मक निदान दिया |
संभाग की शोध गतिविधियों के निम्नलिखित उदेश्य है :

  • आम, नींबू वर्गीय फल, अंगूर, अमरुद एवं पपीता के उन्नत, उपज, अच्छी गुणवता, जैविक एवं अजैविक तनावों के प्रति प्रतिरोधी तथा उद्योग एवं निर्यात हेतु उपयुक्तों गुणों के लिए संकरण एवं मूल्याँकन|
  • आम, अंगूर, नींबू वर्गीय फल, अमरुद एवं पपीता के जनंद्रव्यो का प्रजनन एवं नए तरह से विकसित करने हेतु संग्रहण, रखरखाव एवं मूल्याँकन करना|
  • आणविक निरूपण, सुधार एवं कृत्रिम परिवेश में फलों के प्रवर्धन हेतु तकनीकों का विकास|
  • किन्नो संतरा एवं अमरुद में बौने संकर किस्मों, बौने मूलवृन्त, क्षलप प्रबंधन एवं अन्य सस्य क्रियाओं द्वारा उन्नत घनत्व वाले बगीचों की स्थापना|
  • आम एवं नींबू वर्गीय फलों के गुणवत्ता को बढाने हेतु जैव उर्वरको के उपयोग से अकार्बनिक स्त्रोतों को कम करने को लोकप्रिय बनाना|
  • टिकाऊ उत्पादन हेतु अंगूर एवं नींबू वर्गीय फलों के गुणवत्ता को बढानें के लिए वृहद् एवं सूक्ष्म तत्वों का उपाय|
  • आम एवं नींबू वर्गीय फलों के उत्पादन में छार की समस्याओं का मुकाबला करने हेतु विभिन्न मूलवृन्त के जीन प्रारूपों का संग्रहण, मूल्यांकन एवं पहचान करना|
  • आम में राष्ट्रीय समस्या जैसे गुम्मा व्याधि के कारकों केा समझना एवं उसके प्रभाव को कम करने हेतु उपयुक्त तकनिकी का विकास करना|
  • प्रौधौगिकी हस्तानान्तरण हेतु नियमित प्रदर्शन, मौके पर क्षेत्र भ्रमण तथा फल उत्पादकों के लाभ हेतु प्रसार सामग्रियों विस्तार पत्रक / फ़ोल्डर को तैयार करना|
  • उपरोक्त के अतिरिक्त उद्यानिकी शोध हेतु स्नातकोत्तर शिक्षा के द्वारा मानव संसाधन विकास पर मजबूती से जोर देना तथा फलों के उत्पादन, प्रजनन एवं आणविक शोध के अग्रिम क्षेत्रों मंं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करना|