डॉ. आर.एन. पड़ारिया
अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक
फोन: 011-25846434
फैक्स: 011-25846434
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कृषि प्रसार संभाग, वर्ष 1960 में एक स्वतंत्र पूर्ण संभाग के रूप में अस्तित्व में आया। तब से, यह प्रसार शिक्षा में विशेष रूप से अनुसंधान शिक्षा और प्रशिक्षण के संदर्भ में प्रसार विज्ञान के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। गतिशील नेतृत्व के द्वारा संभाग ने प्रसार क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। संभाग, कृषि प्रसार में शिक्षण, अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रोद्योगिकी के हस्तांतरण के क्षेत्रों में राष्ट्रीय नेतृत्व की भूमिका प्रदान कर रहा है। संभाग के पूर्व छात्र भारत और विदेशों में वैज्ञानिक और प्रशिक्षण संस्थानों का संचालन कर रहे हैं। संभाग का जनादेश विस्तार शिक्षा के अनुशासन में गुणवत्ता के लिए राष्ट्रीय बिंदु के रूप में कार्य करने के लिए बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान का संचालन करना है। शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए एक केंद्र के रूप में सेवा करना और कृषि प्रसार में राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदान करना है।

 

संभाग को वर्ष 1994 में कृषि प्रसार में उन्नत अध्ययन केंद्र (CAS) के रूप में मान्यता दी गई थी, जिसे भा. कृ. अनु. प. द्वारा वर्ष 2010 में उन्नत संकाय प्रशिक्षण केंद्र (CAFT) के रूप में नामित किया गया था। उन्नत संकाय प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना राज्य कृषि विश्वविद्यालय और भा. कृ. अनु. प. के विभिन्न संस्थानों के प्रसार पेशेवरों के लिए सीमांत और उभरते क्षेत्रों पर प्रशिक्षण आयोजित करने और प्रसार क्षेत्र में वैज्ञानिक शोध करने के लिए की गई है। संभाग कृषि क्षेत्र में प्रसार गतिविधियां भी करता है।

 

संभाग के उद्देश्य/ लक्ष्य
  • प्रसार शिक्षा के क्षेत्रों में बुनियादी और वैज्ञानिक अनुसंधान करना।

  • कृषि प्रसार में प्रशिक्षित मानव शक्ति की आवश्यकताओं हेतु कृषि विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और अन्य विकास विभागों के लिए स्नातकोत्तर शिक्षा कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए स्नातकोत्तर और पीएच. डी. की उपाधि प्रदान करना।

  • शिक्षण, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण में लगे व्यक्तियों को ज्ञान, कौशल और वांछित अभिविन्यास प्रदान करने के लिए उन्नत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जाते है ताकि उनकी दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार हो सके और चयनित किसानों को समुदाय के नेताओ की भूमिका निभाने में सक्षम बनाया जा सके।

  • संस्थान की प्रसार गतिविधियों के लिए विशेषज्ञता समर्थन और परामर्श सेवाएं प्रदान करना।