कृषि इंजीनियरिंग संभाग


डॉ. इन्द्र मणि
अध्यक्ष
फोन : 011-25842294
फैक्सॉ : 011-25842294
ई-मेल: head_engg[at]iari[dot]res[dot]in

 

 कृषि अभियांत्रिकी संभाग की स्थापना सन् 1945 में की गई थी। इससे पूर्व यह संभाग सस्यविज्ञान संभाग का ही एक हिस्सा था। नव स्थापित कृषि अभियांत्रिकी संभाग के संस्थापक अध्यक्ष होने का गौरव मेजर डी.टी. ब्राउन को है। वर्ष 1950 में अपने वर्तमान भवन में यह संभाग स्थानांतरित हुआ। सन् 1971 में एक क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र की शुरूआत की गई जो कि संभागीय परिसर में नव-निर्मित क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र (जेड आर सी) भवन में स्थित था। इस केन्द्र के प्रथम समन्वयक डॉ. टी.एच. निर्मल थे।

       तदुपरांत सन् 1966 में संभाग की गतिविधियों स्नातकोत्तर शिक्षण व अनुसंधान को शामिल किया गया। वर्श 1972 में जल प्रौद्योगिकी केन्द्र की स्थापना के बाद मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान संबंधी घटक को जल प्रौद्योगिकी केन्द्र को हस्तांतरित कर दिया गया। यद्यपि, इस उप-विषय पर शिक्षण, कृषि अभियांत्रिकी संभाग के स्नातकोत्तर शिक्षा का अभिन्न अंग बना रहा। इस संभाग का अधिदेश कृषि मशीनरी एवं शक्ति, कृषि प्रसंस्करण एवं संरचनाओं, संरक्षित कृषि, मृदा एवं जल अभियांत्रिकी और नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोतों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों/उपकरणों का डिजाइन तैयार कर उन्हें विकसित करने में कार्यनीतिपरक अनुसंधान करना रहा है और इसके साथ ही इन प्रौद्योगिकियों को किसानों और उद्यमियों तक पहुंचाने का अधिदेश भी इस संभाग को सौंपा गया है। यह संभाग तीन मुख्य विषयों यथा खेती मशीनरी एवं शक्ति, मृदा एवं जल संरक्षण तथा कृषि प्रसंस्करण एवं संरचनाएं में स्नातकोत्तर शिक्षा प्रदान करता है।