फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए बीज सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है। गुणवत्तायुक्त बीजों की उपलब्धता राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का मौलिक आधार भी है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए गुणवत्तायुक्त बीज उत्प्रेरक का कार्य करता हैं जिसके बिना उर्वरक, सिंचाई और कीटनाशकों जैसे अन्य संसाधन और सुविधा पर निवेश किसानों के सावधिक हित में होगा। केवल गुणवत्तायुक्त बीजों के उपयोग से उपज में  15-20 प्रतिशत और इष्टतम  प्रबंधन की स्थिति में 45 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। कृषि उत्पादन और उत्पादकता में सतत वृद्धि काफी हद तक फसलों की नई और उन्नत किस्मों के विकास और किसानों को समय पर गुणवत्तायुक्त बीजों की आपूर्ति की एक कुशल प्रणाली पर निर्भर करता है।  

          बीज उत्पादन इकाई (एसपीयू) की  स्थापना  वर्ष 1995 में कृषि की उत्पादकता, गुणवत्ता तथा धारणीयता मेँ वृद्धि हेतु गुणवत्तायुक्त बीज सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निम्न अधिदेशों के साथ की गयी थी:-

  • कृषि एवं सहकारिता विभाग की माँग पर प्रजनक बीज़ों के उत्पादन एवं नयी उन्नत क़िस्मों को लोकप्रिय बनाने के लिए संस्थान की व्यवसायिक जरूरतों को पूरा करना।
  • क्षेत्रीय किसानों की बीज की मांग को पूरा करने के लिए कृषि-बागवानी फसलों जैसे  अनाज, दलहन, तिलहन, और बागवानी (विशेष रूप से सब्जी और फूल) के “पूसा बीज” (सत्य बीज) का उत्पादन।
  • नई उन्नत किस्मों को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से किसान सहभागिता द्वारा बीज उत्पादन कार्यक्रम
  • बीजों के वंशवृद्धि को बनाए रखने के लिए नाभिक बीजों का उत्पादन ताकि गुणवत्तायुक्त बीज सुनिश्चित हो सके
  • गुणवत्तायुक्त बीजों  की अधिकतम प्राप्ति के लिए फसल कटाई उपरांत बीज प्रसंस्करण का मानकीकरण।
  • बीज उत्पादन गतिविधियों के लिए मानव संसाधन का प्रभावी प्रशिक्षण करना