प्रशिक्षण

इस संभाग से जिन छात्रों ने एम.एससी. और पीएच.डी. की उपाधियां प्राप्‍त की हैं आज वे अनेक संस्‍थानों, संस्‍थाओं जैसे भा.कृ.अ.प., सिविल सेवाएं, राज्‍य कृषि विश्‍वविद्यालय, राष्‍ट्रीय बैंक और निजी उद्योगों में उच्‍च पदों पर कार्यरत हैं। कुछ स्‍नातकोत्‍तर डिग्री धारक छात्र विदेशों में भी विश्‍वविद्यालयों में कार्य कर रहे हैं। संभाग में नियमित रूप से, बीज उत्‍पादन, बीज परीक्षण, बीज भंडारण, किस्‍म पहचान, बीज स्‍वास्‍थ्‍य जांच, डीयूएस जांच और पौध किस्‍म उत्‍पादन, बीज संवृद्धि प्रौद्योगिकी और संकर बीज उत्‍पादन जैसे विविध विषयों पर ग्रीष्‍म/शीतकालीन स्‍कूल, लघु अवधीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

  1. बीज मानक और क़ानूनी पहलुओं पर किसानों केलिए प्रशिक्षण 5-6 मई 2015 को बीज विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी संभाग के द्वारा आयोजित किया गया
  2. बीज उत्पादन, प्रसंस्करण, गुणवत्ता नियंत्रण एवं विपणन पर प्रशिक्षण 17-22 जुलाई 2017 को बीज विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी संभाग के द्वारा आयोजित किया गया.
  3. फसल एवं सब्जियों में बीज उत्पादन पर प्रशिक्षण 3-7 अक्टूबर 2017 को बीज विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी संभाग के द्वारा आयोजित किया गया.
  4. बीज उत्पादन और गुणवत्ता मूल्यांकन पर क्षमता निर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण 14-28 जनवरी 2018 को बीज विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी संभाग के द्वारा आयोजित किया गया.
  5. बीज उत्पादन और गुणवत्ता मूल्यांकन पर क्षमता निर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण 12-25 फ़रवरी 2019 को बीज विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी संभाग के द्वारा आयोजित किया गया.
  6. बीज उत्पादन और गुणवत्ता मूल्यांकन पर क्षमता निर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण 4- 15 नवम्बर 2019 को बीज विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी संभाग के द्वारा आयोजित किया गया.

संभाग की मुख्‍य उपलब्धियां हैं :

  • चावल में ट्रांसक्रिप्टओम एवं जीवास के अंतर्गत शोध
  • गेहूं में उन्नत किस्मों की पहचान जो फसल के पकने की अवस्था में उच्च तापमान पर अच्छी उपज दे सकती हैं.
  • बीज गुणवत्ता उन्नयन केलिए नयी तकनीकियों की पहचान
  • बीज जनित रोगों का प्रबंधन मुख्यतः धान का भूरा चित्ति रोग एवं पर्ण आच्छाद झुलसा रोग
  • खेतीहर फसलों (चावल, सूरजमुखी, मक्‍का, तोरिया, सरसों) तथा सब्जियों (टमाटर, बैंगन, फूलगोभी और खीरा-ककड़ी वर्गीय) के लिए संकर बीज उत्‍पादन प्रौद्योगिकी का विकास
  • भा.कृ.अ.सं. की किस्‍मों (खेतीहर और सब्‍जी फसलें) के बीजों के उत्‍पादन और विपणन का समन्‍वयन
  • डीयूएस परीक्षण निर्देशिका का विकास (अनाज, दालें, तिलहन और रेशेदार फसलों) और आकृतिमूलक, जैव रासायनिक और आण्विक मार्करों के साथ डीयूएस परीक्षण का सरलीकरण
  • बीज क्‍वालिटी मूल्‍यांकन और संवर्धन के लिए परिशुद्ध प्रौद्योगिकियों का शोधन
  • बीज हृास और दृढ़ीकरण की यांत्रिकी का आधारभूत अध्‍ययन
  • गैर अन्‍वेषित लेकिन व्‍यावसायिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण किस्‍मों के लिए बीज परीक्षण प्रक्रिया का मानकीकरण
  • बीज प्रौद्योगिकी के विभिन्‍न पथों पर स्‍नातकोत्‍तर शिक्षण तथा राष्‍ट्रीय व अन्‍तरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रशिक्षण देना

व्‍यावसायिक गतिविधियां

  • बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संभाग, भारतीय बीज प्रौद्योगिकी सोसायटी का भी मुख्‍यालय है। इस सोसायटी से 'सीड रिसर्च' (अर्ध वार्षिक) और 'सीड टेक्‍नीकल न्‍यूज़' (पाक्षिक) भी प्रकाशित होते हैं।