ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम

कोविड-19 महामारी प्रेरित लॉकडाउन ने दुनिया भर में शैक्षणिक कैलेंडर को प्रभावित किया है, लेकिन डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म की खोज से विकल्प भी खोले हैं। कृषि अर्थशास्त्र संभाग ने सामाजिक विज्ञान विषय के स्नातकोत्तर छात्रों के प्रशिक्षण की आवश्यकता का मूल्यांकन एवं नेतृत्व किया है और निम्नलिखित तीन आभासी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया है।

 

  1. सामाजिक विज्ञान के लिए अनुसंधान पद्धति में प्रगति:

"सामाजिक विज्ञान के लिए अनुसंधान पद्धति में प्रगति" पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम 31 अगस्त- 04 सितंबर, 2021 के दौरान आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक एवं सह-संयोजक क्रमशः डॉ अलका सिंह और डॉ आरएन पदारिया थे। डॉ. आर.आर. बर्मन, श्री आदित्य के.एस., एवं  श्री प्रवीण के.वी. समन्वयक थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को पांच दिनों के गहन ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान अनुसंधान पद्धतियों में प्रगति, कंप्यूटर सहायता प्राप्त सर्वेक्षण आयोजित करना, वैज्ञानिक साहित्य से साक्ष्य का संश्लेषण करना, सॉफ्टवेयर के साथ बड़े डेटासेट को चलाना, समाचार पत्रों एवं ब्लॉगों के लिए लिखना आदि से परिचित कराना।

पाठ्यक्रम सामग्री में सामाजिक विज्ञान में उभरते अनुसंधान क्षेत्रों पर पैनल चर्चा, डेटा संग्रह तकनीक और उपकरण, साहित्य से साक्ष्य का संश्लेषण, बड़े डेटासेट / NSSO डेटा को STATA के साथ चलाना, तंत्रिका नेटवर्क एवं सामाजिक विज्ञान में इसके अनुप्रयोग, पसंद विश्लेषण, सामाजिक नेटवर्क विश्लेषण, सामाजिक विज्ञान में एनवीवीओ सॉफ्टवेयर एवं शोध लेखन का उपयोग करके सामग्री विश्लेषण और विषयगत विश्लेषण। सत्र का संचालन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति के प्रतिष्ठित शिक्षकों द्वारा किया गया।

प्रशिक्षण  मैनुअल :http://nahep-caast.iari.res.in/pdf/Compendium%20Aug%2031%20-%20Sep%204,%202020.pdf

व्याख्यान वीडियो: http://nahep-caast.iari.res.in/research-methodology-for-social-sciences.php

  1. STATA के साथ डेटा विश्लेषण:

25-29 जनवरी, 2021 के दौरान "स्टाटा के साथ डेटा विश्लेषण" पर ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की गई थी। पाठ्यक्रम निदेशक और पाठ्यक्रम समन्वयक क्रमशः डॉ अलका सिंह, डॉ आदित्य केएस और डॉ नित्याश्री एमएल थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 41 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण सत्र कार्यशाला मोड के साथ 'करके सीखना' पर अधिक जोर देने पर आयोजित किए गए थे।

पाठ्यक्रम सामग्री में STATA विंडो का परिचय, स्टाटा के साथ डेटा प्रबंधन और सांख्यिकीय विश्लेषण, स्टाटा के साथ काम करने के लिए सत्र, टेक्स्ट फाइलों से डेटासेट निकालना और बड़े डेटासेट को चलाना शामिल था।

मैनुअल:http://nahep-caast.iari.res.in/pdf/Compendium%20_an_dated.pdf

व्याख्यान वीडियो:http://nahep-caast.iari.res.in/data-analysis-workshop-video.php

  1. कृषि प्रौद्योगिकियों और नीतियों के प्रभाव आकलन के लिए विश्लेषणात्मक तकनीकें:

"कृषि प्रौद्योगिकियों और नीतियों के प्रभाव आकलन के लिए विश्लेषणात्मक तकनीक" पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम 17-27 मार्च, 2021 के दौरान आयोजित किया गया था। संयोजक और सह-संयोजक क्रमशः डॉ अलका सिंह और डॉ अंजनी कुमार थे। श्री प्रवीण केवी, श्री आदित्य केएस और श्रीमती नित्याश्री एमएल समन्वयक थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

पाठ्यक्रम सामग्री में डेटा विश्लेषण के लिए सॉफ्टवेयर का परिचय, प्रभाव मूल्यांकन के सिद्धांत, व्यवस्थित समीक्षाओं और मेटा-विश्लेषण के माध्यम से साक्ष्य संश्लेषण, प्रभाव मूल्यांकन के लिए मिलान विधियां, प्रभाव के आकलन के लिए विभिन्न तरीकों में अंतर, प्रभाव का आकलन करने के लिए सिंथेटिक नियंत्रण विधि, वाद्य चर एवं प्रभाव के लिए एंडोजेनिटी स्विचिंग रिग्रेशन, प्रभाव के आकलन में प्रायोगिक दृष्टिकोण, रिग्रेशन समायोजन और प्रभाव का आकलन करने के लिए गुणात्मक उपकरण। दस दिवसीय लंबे प्रशिक्षण कार्यक्रम ने व्यावहारिक मुद्दों पर चर्चा करने एवं व्यावहारिक अभ्यासों के माध्यम से प्रत्येक तकनीक को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रशिक्षण मैनुअल:http://nahep-caast.iari.res.in/pdf/Compendium-March%2017-27%202021.pdf

व्याख्यान वीडियो:http://nahep-caast.iari.res.in/analytical_technics_video.php

 

देश तथा विदेशों में कृषि अर्थशास्त्र के नीति अनुसंधान एवं शिक्षण के लिए क्षमता को मजबूती प्रदान करने के लिए संभाग द्वारा अनुसंधानकर्ताओं और शिक्षकों को खेत में आजमाई गई प्रगति के साथ अवगत कराने के लिए प्रगत स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद योजना के तहत नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं वहीं आवश्यकतानुसार अन्य राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

उन्नत संकाय प्रशिक्षण केंद्र (CAFT)

1995 से यह संभाग आईसीएआर के उन्नत संकाय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम कर रहा है और देश के राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान निकाय के शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए तैंतीस उन्नत स्तर (21 दिन) के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। अब तक 641 प्रोफ़ेशनल को सीएएफटी (पूर्व सीएएस) योजना के तहत प्रशिक्षित किया गया है। सिविल सेवकों, विदेशी शोधकर्ताओं और नीति नियोजकों के लिए कुछ विशेष प्रशिक्षण भी आयोजित किए गए थे। अब तक आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल प्रमुख विषय में कृषि अर्थशास्त्र, मात्रात्मक विश्लेषण, अनुसंधान और प्रभाव मूल्यांकन, मांग आपूर्ति अनुमान, तकनीकी परिवर्तन की माप, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की नई शासन व्यवस्था में वैचारिक और पद्धतिगत मुद्दे, कृषि विकास और नीतियों में प्रगति, खाद्य और कृषि विपणन में प्रगति, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय स्थिरता , कृषि विकास और बाजार, कृषि विकास के लिए व्यापार और संस्थान है।

आयोजित प्रशिक्षणों का विवरण

प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के व्यापक विषय-वस्तु प्रशिक्षणोंकी संख्या प्रतिभागियों की संख्या
कृषि नीति विश्लेषण के लिए मात्रात्मक तकनीकें 7 131
कृषि अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का प्रभाव आकलन 5 115
सतत कृषि विकास 6 128
कृषि विपणन और व्यापार में प्रगति 3 155
कृषि विकास, विविधीकरण, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण 6 112
योग 33 641

विशेष प्रशिक्षण

  • कृषि अर्थशास्त्र में नीतिगत विश्लेाषण के लिए परिमाणात्मवक तकनीकों में हालिया प्रगति (10-29 जुलाई, 1992)

  • सी.एस.ओ. द्वारा प्रायोजित आई.ई. एस. (I.E.S.) प्रोबेशनर्स के लिए सूक्ष्मि एवं वृहद अर्थशास्त्र) सिद्धांत (13 फरवरी से 7 मार्च, 2001)

विदेशी प्रशिक्षुओं के लिए प्रशिक्षण

  • 5 दिसम्बणर, 1988 से 2 फरवरी, 1989 तक बांग्लादेश के नागरिकों के लिए फार्म प्रबंधन पर एफ.ए.ओ. द्वारा प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • दिनांक 11 जून से 17 जुलाई, 1998 के दौरान नाइजीरिया के नागरिकों के लिए किसानों की यूजर्स एसोसिएशन/कॉपरेटिव का एसोसिएशन और प्रबंधन

  • दिनांक 5 जून से 15 जुलाई, 2000 के दौरान नेपाली नागरिकों के लिए उष्णंकटिबंधीय फलों तथा सब्जियों का फसलोत्तार प्रबंधन और कृषि व्यरवसाय प्रबंधन

अंतर-संस्थागत सहयोग

संभाग का अनेक राष्ट्री्य एवं अंतर्राष्ट्रीेय संस्थातनों के साथ अनुसंधान व शिक्षा के क्षेत्र में कार्यशील सम्पहर्क बना हुआ है। देश में स्नागतकोत्तरर शिक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए संभाग द्वारा यू.एन.डी.पी. कार्यक्रम के तहत विकसित देशों में प्रमुख अग्रणी विश्व विद्यालयों के साथ कार्य किया गया है। संभाग द्वारा सी.जी. केन्द्रों (सिम्मिट, आई.एफ.पी.आर.आई., इरी, विश्वा मछली केन्द्र ) तथा यू.एन. ई.एस.सी.ए.पी. सी.ए.पी.एस.ए. जैसे विशिष्ट. संगठनों के साथ भी कार्य किया गया है। सी.जी.आई.ए.आर. प्रणाली तथा अन्यय अंतर्राष्ट्रीसय अनुसंधान संगठनों और साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थावनों, राज्य कृषि विश्वजविद्यालयों व देश के अन्यय समाज विज्ञान संस्थाअनों के साथ संभाग की सतत भागीदारी बनी हुई है।