पीयर रिव्यू जर्नल्स में प्रकाशित शोध पत्र

 

2020-2021

 

  1. फिलिप कुरियाचेन, ए सुरेश, आदित्य केएस, पी वेंकटेश, बिस्वजीत सेन एवं शरत एस येलिगर (2021): सिंचाई विकास और इक्विटी निहितार्थ: भारत का मामला, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ वाटर रिसोर्स डेवलपमेंट, डीओआई:10.1080/07900627.2021.1912715 ।
  2. आदित्य केएस, मुथुप्रसाद टी, सुभाष एसपी, गिरीश केझा (2021) भारतीय फसल बीमा पहेली: व्यवहार विज्ञान के नजरिए से एक व्याख्यान,राष्ट्रीय अकादमी विज्ञान पत्र,DOI :https://doi.org/10.1007/s40009-021-01055-w.
  3. शेनाज रशीद, पी वेंकटेश, धर्म राज सिंह, वी.आररंजनी, गिरीश कुमारझा, दिनेश कुमार शर्मा (2021) केरला (भारत) में पारंपरिक धान पारिस्थितिकी प्रणालियों और किस्मों के संरक्षण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र मूल्यांकन एवं पर्यावरण- क्षतिपूर्ति।पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं (49): पीपी.1-9.
  4. रंजनी वी आर,गिरीश के झा और जेपी सिन्हा (2021) भारत में सौर सिंचाई पंप की आर्थिक व्यवहार्यता: आंध्र प्रदेश अंतर्दृष्टि।,इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, 91(2): 236-9.
  5. पी वेंकटेश, डीआर सिंह, जयप्रकाश बिसेन, वी संगीता, सुरेश कुमार, रेंजिनी वीआर, एम बालासुब्रमण्यम, गिरीश के झा, अलका सिंह (2021), भारत में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कृषि संबंधी बाधाओं और आय में होने वाले नुकसान का आकलन, भारतीय कृषि विज्ञान पत्रिका (स्वीकृत)।
  6. अमित कर, प्रमोद कुमार, पी प्रकाश, डीआर सिंह, जे पी डबास, सतीश गौड़ासी एस, नयन दीपक, विजय पूनिया और आर एस बाना (2020) दिल्ली राज्य में किसानों की आय दोगुनी: एक आत्मनिरीक्षण,भारतीय कृषि विज्ञान पत्रिका,90(8): 1488-1496.
  7. सुरेश कुमार, डीआर सिंह, अलका सिंह, नवीन प्रकाश सिंह एवं जीके झा (2020) ।क्या मृदा और जल संरक्षण अभ्यास को अपनाने से उत्पादकता में वृद्धि होती है और जोखिम जोखिम कम होता है? सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (SAT), इंडिया से एम्पिरिकल एविडेंस , सस्टेनेबिलिटी , 12, doi: 10.3390/su12176965, 1-16 
  8. किरण कुमारा टीएम, शिव कुमार, आदित्य केएस, डीआर सिंह, किंग्सलीआई, हरीश कुमार कल्लेगा और पीएल सिंह (2020), भारत के वर्षा सिंचित क्षेत्र में टैंक पुनर्वास का आर्थिक प्रभाव , इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीककल्चरल साइंसेज , 90(3): 589-592।
  9. कुमार एस, गिरीश केझा, डीआर सिंह और एच बिस्वास (2020),भारत में स्थायी फली उत्पादन के लिए आर्थिक प्रोत्साहन: एक मूल्यांकन दृष्टिकोण आंतरिक जोखिम साझाकरण और पर्यावरणीय लाभ। Current Science119 (7):1184-1189.
  10. अंबुकानीपी, शालू और सुरेश पाल (2020), चावल-गेहूं प्रणाली में प्रौद्योगिकी का अपनाना एवं इसका प्रभाव,इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज , 90(1): 31-4 ।
  11. बूपति राजा एम, अंबुकानी पेरुमल, सेल्वाकुमार केएन, सेरमा सरवाना पांडियन, मीनाक्षी सुंदरम एस (2020),तमिलनाडु में सुअर पालन की क्षमता एवं लाभप्रदता,इंडियन जर्नल ऑफ एनिमल साइंसेज (स्वीकार)।
  12. आर आर कुमार, गिरीश के झा, डीके चौधरी और डीसी मिश्रा (2020) भारत के प्रमुख आलू बाजारों में स्थानिक एकीकरण एवं मूल्य संचरण,इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज , 90(3), 581-584।
  13. अनुज एआर, अमित कर, प्रमोद कुमार, जी के झा, आर रॉय बर्मन, के एन सिंह एवं शिवस्वामी जी पी (2020) कृषि परिवारों की तकनीकी दक्षता पर श्रम प्रवास के पैटर्न प्रभाव: मध्य भारत के बुंदेलखंड क्षेत्र में एक अध्ययन,इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, 90(10): 1877-82।
  14. 14. सुरेश कुमार, गिरीश के झा, धर्म राज सिंह और एच बिस्वास (2020), भारत में स्थायी फली उत्पादन के लिए आर्थिक प्रोत्साहन: जोखिम-साझाकरण और पर्यावरणीय लाभों को आंतरिक बनाने के लिए एक मूल्यांकन दृष्टिकोण। Current Science, 119(7): 1184-1189। DOI: 18520/cs/v119/i7/1184-1189 ।
  15. के फिलिप, एसएस आशा देवी, गिरीश के झा, बीएमकेराजू, बी.सेन, ए.अली और जे कुमारी (2020), गेहूं की पैदावार की संवेदनशीलता का कारण बढ़ते मौसम के तापमान में वृद्धि: पैनल डेटा विश्लेषण से साक्ष्य । जर्नल ऑफ एग्रोमेटियोलॉजी,22 (2), 191-197।

 

 

2019-2020

  1. सिंह, अलका एवं सुरेश पाल (2015)। इमर्जिंग ट्रेन्‍डस इन दि पब्लिक एंड प्राइवेट इन्‍वेस्‍टमेन्‍ट इन एग्रीकल्‍चरल रिसर्च इन इंडिया, एग्रीकल्‍चरल रिसर्च,  4(2), पीपी 121 – 131, (एनएएएस रेटिंग 5.88)
  2. कांडपाल, अंकिता, नीरू भूषण एवं सुरेश पाल (2015) । रिसेन्‍ट ट्रेन्‍ड इन पेटेन्टिंग एक्‍टीविटी इन इंडिया एंड इटस इम्‍पलीकेशन्‍स फॉर एग्रीकल्‍चर,  एग्रीकल्‍चरल इकोनॉमिक्‍स रिसर्च रिव्‍यू  28 (1), 139 – 146, (एनएएएस रेटिंग 5.68)
  3. वेंकटेंश, पी; नित्‍याश्री एम.एल; वी. संगीता एवं सुरेश पाल (2015)। ट्रेन्‍डस इन एग्रीकल्‍चर, नॉन फार्म सेक्‍टर एंड रूरल इम्‍पलॉयमेन्‍ट इन इंडिया : एन इनसाइट फ्रॉम स्‍टेट लेवल एनालिसिस, इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चरल साइन्सिज, 85 (5) : 671 – 677 ( एनएएएस रेटिंग 6.0)  
  4. जयाकुमार, आर; वर्धन एवं प्रमोद कुमार (2015)। मैपिंग एग्रीकल्‍चरल वल्‍नेरेबिलिटी ऑफ तमिलनाडु, इंडिया टू क्‍लाइमेट चेंज : ए डॉयनामिक एप्रोच टू टेक फॉरवर्ड दि वल्‍नेरेबिलिटी एसेसमेण्‍ट मिथोंडॉलोजी,  क्‍लाइमैटिक चेंज,  Vol. 128 (1-2). (एनएएएस रेटिंग 10.62)
  5. कुमार, आर; डी.आर. सिंह, एस. कुमार, वी.पी. चहल, के.आर. चौधरी एवं शालू (2015)। माइग्रेटरी शीप प्रोडक्‍शन सिस्‍टम एंड इटस इम्‍पैक्‍ट ऑन लाइवलीहूड सेक्‍युरिटी ऑफ शीप हाउसहोल्‍डस इन अजमेर डिस्ट्रिक्‍ट ऑफ राजस्‍थान, इंडियन जर्नल ऑफ एनिमल साइन्सिज, 85 (2), 522 -524 (एनएएएस रेटिंग 6.00)
  6. रेडडी, ए.ए. (2015)। ग्रोथ, स्‍ट्रक्‍चरल चेंज एंड वेज रेटस इन रूरल इंडिया, इकोनॉमिक एंड पॉलीटिक्‍स वीकली, 50 (2), 57-65 (एनएएएस रेटिंग आईडी : ईडी 21; 4.66)
  7. शर्मा रिमल नारायण, शिव कुमार, डी.आर. सिंह, वी.पी. चहल एवं शालू (2015)। सोर्सिज ऑफ ग्रोथ एंड फैक्‍टर्स ऑफ पल्‍स प्रोडक्‍शन इन इंडिया, एग्रीकल्‍चरल इकोनॉमिक्‍स  रिसर्च रिव्‍यू, 28 (1) 91 -102 (एनएएएस 2014 रेटिंग 5.68)
  8. बालाजी, एस.जे. एवं सुरेश पाल (2014)। एग्रीकल्‍चरल प्रोडक्‍टीविटी ग्रोथ : इन देयर रीजनल कन्‍वरजेन्‍स , इकोनॉमिक एंड पॉलीटिकल वीकली, Vol - XLIX No. 52, 27 दिसम्‍बर , 2014, पीपी 74 – 80
  9. झा, जी.के. एवं के. सिन्‍हा (2014)। टाइम डिले न्‍यूरल नेटवर्क फॉर टाइम सीरीज प्रेडिक्‍शन : एन एप्‍लीकेशन टू दि मंथली होलसेल प्राइस ऑफ ऑयलसीडस इन इंडिया, न्‍यूरल कम्‍प्‍यूटिंग एंड एप्‍लीकेशन्‍स, 24 (3-4), 563 – 571 (एनएएएस रेटिंग 7.17)
  10. दास, टी.के; रंजन भटटाचार्य, एस. सुधीश्री, ए.आर. शर्मा, एस.पी. दत्‍ता, अमित कार, बिल्‍लू सिंह,परमिन्‍दर सिंह, एच. पाठक, ए.के. व्‍यास एवं एम.एल. जाट (2014)। कन्‍जरवेशन एग्रीकल्‍चर इन एन इर्रीगेटिड कॉटन व्‍हीट सिस्‍टम ऑफ दि वेस्‍टर्न इंडो गंगेटिक प्‍लैन्‍स : क्रॉप एंड वाटर प्रोडक्‍टीविटी एंड इकोनॉमिक प्रोफिटेबिलिटी, फील्‍ड क्रॉप रिसर्च,  158,24 -  33, (एनएएएस रेटिंग 7.2)
  11. मण्‍डल विश्‍वजीत, अलका सिंह, धर्मराज सिंह एवं आई. शेखर (2014)। वाटरशेड लाइवस्‍टॉक लिन्‍केज : ए स्‍टडी इन बुंदेलखण्‍ड रीजन ऑफ मध्‍य प्रदेश, इंडियन जर्नल ऑफ एनिमल रिसर्च,  48 (3) : 262 – 269, (एनएएएस रेटिंग 6.03)
  12. मण्‍डल विश्‍वजीत, अलका सिंह, गिरीश कुमार झा एवं बी.एस. कालड़ा(2014)। सोशियो इकानॉमिक इम्‍पैक्‍ट ऑफ वाटरशेड डिवलेपमेन्‍ट प्रोग्राम्‍स इन बुंदेलखंड रीजन ऑफ मध्‍य प्रदेश, इंडिया, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चरल स्‍टैटिस्‍टीकल साइन्‍स, Vol.10, संख्‍या 1, पीपी . 181-187 (एनएएएस रेटिंग 6.00)
  13.  जयाकुमार आर; वरदान एवं प्रमोद कुमार (2014)। इन्‍डीजिनियस नॉलेज अबाउट क्‍लाइमेट चेंज : वैलीडेटिंग दि परसेप्‍शन्‍स ऑफ ड्राइलैण्‍ड फार्मर्स इन तमिलनाडु, इंडियन जर्नल ऑफ ट्रैडिशनल नॉलेज , Vol. 13 (2) :  पीपी 390 -397 (एनएएएस रेटिंग 6.49)
  14. झा, जी.के; सी. मजूमदार, जे. कुमारी एवं जी. सिंह (2014)। नॉन लीनियर प्रिन्सिपल कम्‍पोनेन्‍ट बेस्‍ड फज्‍जी क्‍लस्‍टरिंग : ए केस स्‍टडी ऑफ लेन्टिल जीनोटाइप्‍स, इंडियन जर्नल ऑफ जिनेटिक्‍स एंड प्‍लांट ब्रीडिंग , 74(2), 189 – 196, (एनएएएस रेटिंग 6.2)
  15. सुन्‍दरमूर्ति, सी; वी.सी. माथुर एवं गिरीश कुमार झा (2014)। परफार्मेन्‍स ऑफ इंडियाज कॉटन बेस्‍ड टैक्‍सटाइल ट्रेड : ए कॉस्‍टेंन्‍ट मार्केट शेयर एनालिसिस, जर्नल ऑफ कॉटन रिसर्च एंड डेवलेपमेन्‍ट , 28 (2) : 334 – 341 (एनएएएस रेटिंग 3.44)
  16. सुन्‍दरमूर्ति, सी; जी.के. झा, सुरेश पाल एवं वी.सी. माथुर (2014)। मार्केट इन्‍टेग्रेशन एंड वोलाटीलिटी इन एडीबल ऑयल सेक्‍टर इन इंडिया, जर्नल ऑफ दि इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रीकल्‍चरल स्‍टैटिस्टिक्‍स , 68 (1), 67 – 76, (एनएएएस रेटिंग 5.5)
  17. वेंकटेश, पी. एवं सुरेश पाल (2014)। इम्‍पैक्‍ट ऑफ प्‍लांट वैरायटी प्रोटेक्‍शन ऑन इंडियन सीड इन्‍डस्‍ट्री , एग्रीकल्‍चरल इकोनॉमिक्‍स रिसर्च रिव्‍यू, Vol. 27 (No.1), जनवरी – जून, 2014, पीपी 91 – 102, (एनएएएस रेटिंग 5.68)
  18. अनबुक्‍कानी,पी; प्रमोद कुमार, कादिरवेल गोविन्‍दासामी एवं विजय लक्षमी (2014)। डेवलपिंग ऑप्‍टीमल प्‍लान फॉर इफीशियेन्‍ट मैनेजमेन्‍ट ऑफ डेयरी फार्मस इन तमिलनाडु, इंडियन जर्नल ऑफ डेयरी साइन्‍स , 67 (3), (एनएएएस रेटिंग 4.19)
  19. चौहान, एस.एस; एस.के. झा एवं डी.के. शर्मा (2014)। वॉटर एबजार्प्‍शन काइनेटिक्‍स ऑफ पर्ल मिलेट ग्रैन्‍स, जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चरल इंजीनियरिंग 51 (1), 16 – 22, (एनएएएस रेटिंग 4.27)
  20. रेडडी, ए.ए. (2014)। प्रोफिटेबिलिटी एंड यूज इन क्रॉपिंग सिस्‍टम्‍स , इंडियन जर्नल ऑफ ड्राइलैण्‍ड एग्रीकल्‍चरल रिसर्च एंड डेवलेपमेन्‍ट, 29 (1), 97 – 106, (एनएएएस रेटिंग 4.70)
  21. रेडडी, ए.ए; राधिका रानी एवं जी.पी. रेडडी (2014)। लेबर स्‍कार्सिटी एंड फार्म मैकेनाइजेशन :ए क्रास स्‍टेट कम्‍पैरीजन , इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चरल इकोनॉमिक्‍स , कान्‍फ्रेन्‍स अंक जुलाई – सितम्‍बर,2014 (प्रेस में), (एनएएएस रेटिंग 5.04)
  22. रामासुन्‍दरम, पी; ए. सैम्‍युल एवं एस. वानखेडे (2014)। वेल्‍फेयर गैन्‍स फ्रॉम एप्‍लीकेशन ऑफ फर्स्‍ट जेनेरेशन बायो-टैक्‍नोलॉजी इन इंडियन एग्रीकल्‍चर : दि केस ऑफ बीटी कॉटन ,एग्रीकल्‍चरल इकोनॉमिक्‍स रिसर्च रिव्‍यू, अंक 27 (1) : 73 – 82, (एनएएएस रेटिंग 5.68)
  23. वेंकटेश, पी. एवं सुरेश पाल (2013)। डिटरमिनेन्‍टस एंड वैल्‍यूशन ऑफ प्‍लांट वैरायटी प्रोटेक्‍शन इन इंडिया, जर्नल ऑफ इन्‍टैलेक्‍चयुल प्रॉपर्टी राइटस, 18 : 448 – 456 (एनएएएस रेटिंग 6.0 )
  24. मण्‍डल, विश्‍वजीत, अलका सिंह, एस.डी. सिंह, मुकेश कुमार सिन्‍हा एवं डी. सुरेश कुमार (2013)। डिकॉम्‍पोजिशन ऑफ प्रोडक्‍टीविटी ग्रोथ इन वाटरशेडस :ए स्‍टडी इन बुन्‍देलखंड रीजन ऑफ मध्‍य प्रदेश, इंडिया, साइंटीफिक रिसर्च एंड एस्‍सेज वाल्‍यूम 8, सं. 48, पीपी 2312 – 2317, (एनएएएस रेटिंग 6.1)
  25. सुरेश, ए; पी. रामासुन्‍दरम, जोशीली सैम्‍युल एवं श्‍वेतल वानखेड़े (2013)। इम्‍पैक्‍ट ऑफ टैक्‍नोलॉजी एंड पॉलिसी ऑन ग्रोथ एंड इनस्‍टैबिलिटी ऑफ एग्रीकल्‍चरल प्रोडक्‍शन : दि केस ऑफ कॉटन इन इंडिया, इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चरल साइन्सिज, 83 (9) : 939 – 948 (एनएएएस रेटिंग 6.18)
  26. कुमार, शिव, राकेश कुमार, डी.आर. सिंह, अनिल कुमार, प्रवीनआर्य एवं के.आर. चौधरी (2013) । इक्विटी, इफीसियेन्‍शी एंड प्रोफेटेबिलिटी ऑफ माइग्रेटरी शीप प्रोडक्‍शन सिस्‍टम इन राजस्‍थान, इंडियन जर्नल ऑफ एनिमल साइन्सिज, 83 (9) :976 – 982, (एनएएएस रेटिंग 6.13)
  27. जलगांवकर, के.आर; एस.के. झा, आर.के. पाल, जी.के. झा एवं डी.वी.के. सैम्‍युल (2013)। इफैक्‍ट ऑफ स्‍पेसीज एंड पार्टिकल साइज ऑन इसैन्शियल ऑयल यील्‍डस ऑफ सिट्रस पील (सिट्रस स्‍पेसीज), इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चरल साइन्सिज, 83 (12), 1285 – 1288 (एनएएएस रेटिंग 6.18)
  28. श्रीवास्‍तव, एस.के; वी.सी. माथुर, आर. कुमार, एन. शिवरमन एवं जी.के. झा (2013)। हाउसहोल्‍ड डिमांड एंड सप्‍लाई ऑफ मिल्‍क एंड मिल्‍क प्रोडक्‍टस इन इंडिया : रीजनल ट्रेन्‍डस एंड फयूचर प्रोजेक्‍शन्‍स , इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चरल एंड स्‍टैटिस्टिकल साइन्सिज, 9 (1), 353 – 363 (एनएएएस रेटिंग 6.0)
  29. शेखर, आई. (2013) । इर्रीगेशन वाटर यूज एंड अवैलेबिलिटी इन इंडिया :चेंजिंग ग्रोथ ट्रेन्‍डस एंड इम्‍पलीकेशन्‍स , जर्नल ऑफ सॉयल एंड वाटर कन्‍जरवेशन 12 (2) : 108 – 116 (एनएएएस रेटिंग 7.72)
  30. अनुजा,ए.आर; अमित कार एवं झा, जी.के. (2013)। प्राइस डायनामिक्‍स एंड मार्केट इन्‍टेग्रेशन ऑफ नैचुरल रबर मैजर ट्रेड रिजाइम्‍स ऑफ इंडिया एंड एब्रोड, इंडियन जर्नल ऑफ एग्रीकल्‍चरल साइन्सिज, 83 (5) : 555 – 560, (एनएएएस रेटिंग 6.2 )