अनुसंधान परियोजनाएं

संस्‍थान की परियोजनाएं (2009-2014)

परियोजना 1 : परिवर्तित होते हुए पर्यावरण के अन्‍तर्गत गेहूं में कार्बन और नाइट्रोजन स्‍वांगीकरण

उप-परियोजना 1 : गेहूं में प्रकाशसंश्‍लेषण को सीमित करने वाले घटकों व दाना उपज का विश्‍लेषण

उद्देश्‍य

  • गेहूं में दाना बढ़वार के संदर्भ में प्रकाश संश्‍लेषण तथा स्‍वांगिक विभाजन के लिए विविधता का अध्‍ययन
  • दाने की बढ़वार में शर्करा की गति तथा दाने में स्‍टार्च संश्‍लेषण से संबंधित एन्‍ज़ाइमों/जीनों की भूमिका का अध्‍ययन

उप-परियोजना 2 : गेहूं में पोषक तत्‍व उद्ग्रहण तथा उपयोग दक्षता में सुधार

उद्देश्‍य

     नाइट्रोजन व फास्‍फोरस गतिशीलता में झिल्‍ली परिवाहकों तथा जीनों की अभिव्‍यक्ति का अध्‍ययन

अपेक्षित परिणाम

  • गेहूं में दाने की बढ़वार को नियंत्रित करने वाली जीनप्ररूपी विविधताओं को कार्यिकीय तथा आण्विक आधार उपलब्‍ध कराने के लिए अध्‍ययन किया जाएगा।
  • कार्यिकीय तथा आण्विक युक्तियों के माध्‍यम से फसल पौधों में पोषक तत्‍व ग्रहण करने तथा उनके उपयोग की यांत्रिकी में सुधार होगा।
  • पोषक तत्‍व प्रबंध के माध्‍यम से परिवर्तित हुई जलवायु के अन्‍तर्गत गेहूं के दानों की गुणवत्‍ता में  सुधार होगा।

परियोजना 2 : गेहूं तथा चने में अजैविक प्रतिबल सहिष्‍णुता का कार्यिकीय व आण्विक आधार

उप-परियोजना 1 : गेहूं के सी 306 और खर्चिया 65 जीनप्ररूपों में अजैविक प्रतिबल सहिष्‍णुता का कार्यिकीय व आण्विक आधार

 

उद्देश्‍य

  • गेहूं जीनप्ररूपों सी 306 और खर्चिया 65 में सूखा तथा लवणता सहिष्‍णुता की कार्यिकीय यांत्रिकी की व्‍याख्‍या
  • गेहूं में सूखा तथा लवणता सहिष्‍णुता से संबंधित जीनों की पहचान व उनका लक्षण वर्णन और एरेबीडॉप्सिस में चुने हुए गेहूं का पौधे में सत्‍यापन
  • गेहूं में जल की कमी के प्रति सहिष्‍णुता के संदर्भ में कोशिका भित्‍ती तथा झिल्‍ली घटकों में   सुधारों का विश्‍लेषण

उप-परियोजना 2 : चने में जल की कमी के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए संरूप (पों) का विकास

उद्देश्‍य
    
     प्रतिकूल प्रभावों को न्‍यूनतम करने के लिए पादप बढ़वार नियामकों तथा पोषकों के उपयोग की कार्यनीतियां विकसित करना

अपेक्षित परिणाम

  • फसल पौधों में अजैविक प्रतिबल सहिष्‍णुता को समझने के लिए महत्‍वपूर्ण मूल सूचना सृजित होगी।
  • चुने हुए गेहूं जीनप्ररूपों में सूखा तथा लवणता प्रतिबल के प्रति सहिष्‍णुता लाने वाले कार्यिकीय तथा आण्विक विशेषकों/जीनों की पहचान होगी।
  • प्रतिबल की स्थितियों/पर्यावरण के अन्‍तर्गत फसलों द्वारा उनसे निपटने के लिए कार्यिकीय युक्तियों (पीजीआर और पोषक तत्‍व आधारित संरूपों) की पहचान होगी।

परियोजना 3 : शीघ्र खराब हो जाने वाली फसलों की कटाई/तुड़ाई उपरांत कार्यिकी

उप-परियोजना 1 : एक्राइलामाइड निर्माण को कम करने के लिए आलू के कन्‍दों में मीठेपन को न्‍यूनतम करना

उद्देश्‍य

  • कम अवकरणशील शर्करा अंश से युक्‍त आलू की किस्‍मों की पहचान
  • यूडीपीजी-पाइरोफॉस्‍फोरिलेज़ जीनों की अति-अभिव्‍यक्ति द्वारा कम एक्राइलामाइड अंश वाले आलू पराजीनों का विकास

उप-परियोजना 2 : परिपक्‍वन की प्रक्रिया में गैर-विनाशकारी घटकों का मूल्‍यांकन और टमाटर की निधानी आयु बढ़ाने में जैव सक्रिय यौगिकों की भूमिका

उद्देश्‍य
    

  • टमाटर के फलों में पोषण गुणवत्‍ता (कैरोटिनॉयडों, लाइकोपीन और फीनोलिक्‍स) तथा परिपक्‍वन स्‍तर का फलों को नष्‍ट किए बिना मूल्‍यांकन
  • टमाटर के फलों की निधानी आयु बढ़ाने में जैव सक्रिय यौगिकों (खनिजों, एन्‍टीऑक्‍सीडेन्‍टों तथा  वाष्‍पशील यौगिकों) की भूमिका का अन्‍वेषण तथा उनकी पहचान

उप-परियोजना 3 : ग्‍लेडियोलस में पुष्‍प की जीर्णनशीलता का कार्यिकीय तथा आण्विक आधार

उद्देश्‍य

     पादप बढ़वार नियामकों के संदर्भ में इथिलीन के प्रति गैर संवेदनशील ग्‍लेडियोलस के फूलों मेंजीर्णनशीलता की यांत्रिकी को समझना   ग्‍लेडियोलस के पुष्‍प में जीर्णनशीलता से संबद्ध जीनों (एसएजी) का विलगन, लक्षण वर्णन तथाक्रियात्‍मक विश्‍लेषण

अपेक्षित परिणाम

  • पकाने के दौरान निम्‍न एक्राइलामाइड निर्माण के लिए कम अवकरणशील शर्करा अंश से युक्‍त आलू पराजीनियों का विकास होगा।
  • टमाटर के फलों में पोषणशीलता तथा परिपक्‍वन के स्‍तर के फलों को नष्‍ट किये बिना त्‍वरित मूल्‍यांकन के लिए तकनीकें विकसित होंगी।
  • टमाटर में उन्‍नत तुड़ाई उपरांत जीवनकाल से संबंधित जैव रसायनविज्ञानी सूचकांकों की पहचानहोगी।   कर्तित फूलों की गुलदानों में आयु बढ़ाने के लिए नए यौगिकों की पहचान होगी तथा उनकी    आण्विक यांत्रिकी की व्‍याख्‍या की जा सकेगी।   पुष्‍पों की जीर्णनशीलता से संबंधित नए जीनों की पहचान होगी व उन्‍हें क्‍लोन किया जा सकेगा।

उप-परियोजना 4 : चने की बढ़वार तथा उपज पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

उद्देश्‍य
        बढ़वार, प्रकाशसंश्‍लेषण, जल उपयोग की दक्षता और उपज पर कार्बन डाइऑक्‍साइड के बढ़े हुएस्‍तर तथा उच्‍च तापमान के प्रभाव का अध्‍ययन   कार्बन डाइऑक्‍साइड के बढ़े हुए स्‍तर तथा उच्‍च तापमान के दाना उपज तथा गुणवत्‍ता पर पड़ने     वाले अन्‍तरक्रियात्‍मक प्रभावों को समझना   चने में उच्‍च तापमान के प्रति सहिष्‍णुता से संबंधित जीनों की पहचान व उनका लक्षण वर्णन

अपेक्षित परिणाम

  • भावी प्रजननकारी प्रभावों के लिए कार्बन डाइऑक्‍साइड के बढ़े हुए स्‍तर के प्रति सकारात्‍मक क्रिया दर्शाने वाले व उच्‍च तापमान को सह सकने वाले जीनप्ररूपों की पहचान होगी।
  • चना की उपज और गुणवत्‍ता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का पता लगाया जाएगा।
  • फसल मॉडलों के विकास/सत्‍यापन के लिए उपयोगी आंकड़े सृजित होंगे।