संभाग के प्रमुख कार्य क्षेत्र

  • अधिक एवं टिकाऊ कृषि उत्पादकता के लिए विभिन्न प्रकार की मृदा और वातावरण में उगाए जाने वाले फसलीय पौधों की भौतिक प्रक्रिया को समझने हेतु नीतिगत बहु-विषयी अनुसंधान
  • मृदा भौतिकी, कृषि-मौसम विज्ञान, पादप जैव भौतिकी और सुदूर संवेदन अनुप्रयोग के क्षेत्र में उच्च स्नातकोत्तर अनुसंधान तथा शिक्षण गतिविधियों का आयोजन;
  • छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं, किसानों और योजनाका रो द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले मौसम संबंधी आंकड़ों व कृषि भौतिकी संबंधी सूचनाओं का रखरखाव करना;
  • दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के किसानों के लिए नियमित रूप से मध्यम श्रेणी मौसम आधारित कृषि परामर्श बुलेटिन तैयार करना;
  • राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि अनुसंधान योजना एवं प्रबंध में मृदा भौतिकी, कृषि मौसम विज्ञान तथा सुदूर संवेदन एवं इसके अनुप्रयोग विषयों पर नियमित प्रशिक्षण पाठयक्रमों का आयोजन

 

अनुसंधान के वर्तमान आयाम

  • जल गतिशीलता के संबंध में मृदा-पादप पारस्परिकता की भौतिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करना;
  • विभिन्न निवेशों द्वारा उगाई जाने वाली फसलों की बढ़वार एवं पैदावार के संबंध में फसल-मौसम पारस्परिकता का मात्रात्मक निर्धारण;
  • फसल घटना विज्ञान के संबंध में नाशीजीव-मौसम पारस्परिकता और अनुमान मॉडल का विकास;
  • पौधों की जल संबंधी आवश्यकताओं का मात्रातमक निर्धारण एवं जल तनाव संकेतकों का विकास;
  • मध्यम मौसम पूर्वानुमान के उपयोग द्वारा कृषि संबंधी कार्यों हेतु दिल्ली एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को वास्तविक समय के आधार पर कृषि-परामर्श सेवाएं प्रदान करना;
  • सुदूर संवेदी, जी.आई.एस. तथा अनुरूपण मॉडलों के उपयोग द्वारा फसल बढ़वार की निगरानी और पूर्व चेतावनी प्रणाली की डिज़ाइनिंग;
  • संसाधन प्रबंध एवं टिकाऊ कृषि उत्पादकता के लिए क्षेत्रीय ऊर्जा एवं जल संतुलन संबंधी आकलन; और
  • कृषि पारिस्थितिक प्रणाली की निगरानी और टिकाऊ विकास के लिए सुदूर संवेदन का उपयोग करते हुए पौधों, मृदा एवं कृषि मौसम विज्ञान पैरामीटरों में सुधार लाना।